गोरखपुर : देश के पहले जटायु संरक्षण व संवर्धन केंद्र की यहां होगी स्थापना, शुरू हुआ काम

गोरखपुर : देश के पहले जटायु संरक्षण व संवर्धन केंद्र की यहां होगी स्थापना, शुरू हुआ काम

गोरखपुर, अमृत विचार । रामायण काल में राजगिद्ध जटायु की कथा सभी जानते हैं लेकिन पर्यावरणीय खतरे के चलते जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर ही संकट आ गया। इस संकट को दूर करने का संकल्प उठाया है योगी सरकार ने। राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) के संरक्षण व संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के …

गोरखपुर, अमृत विचार । रामायण काल में राजगिद्ध जटायु की कथा सभी जानते हैं लेकिन पर्यावरणीय खतरे के चलते जटायु के वंशजों के अस्तित्व पर ही संकट आ गया। इस संकट को दूर करने का संकल्प उठाया है योगी सरकार ने। राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) के संरक्षण व संवर्धन के लिए गोरखपुर वन प्रभाग के भारीवैसी में देश का पहला रेड हेडेड वल्चर संरक्षण व संवर्धन केंद्र बनाया जा रहा है।

इस केंद्र के बनने से राजगिद्धों की संख्या बढ़ेगी तो इनके जरिये पर्यावरण की शुद्धता भी। विलुप्त होती प्रजातियों में शामिल इन जीवों को देखने के लिए सैलानियों की आमद बढ़ने से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

गोरखपुर वन प्रभाग के अंतर्गत महराजगंज जिले में भारीवैसी में भारत के पहले रेड हेडेड वल्चर प्रजनन एवं संवर्धन केंद्र के निर्माण के लिए सरकार दो किश्तों में 1.86 करोड़ रुपये जारी कर चुकी है। 15 वर्ष के प्रोजेक्ट की कुल लागत 15 करोड़ रुपये है।

गोरखपुर के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) विकास यादव बताते हैं कि दो किश्तों में जारी रकम से निर्माण से संबंधित कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। सितंबर के पहले शनिवार, 3 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय गिद्ध जागरूकता दिवस मनाया जाएगा।

डीएफओ के मुताबिक वन विभाग का प्रयास है कि सभी कार्य पूर्ण कराकर इस तिथि विशेष पर जटायु संरक्षण व संवर्धन केंद्र का लोकार्पण मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों कराया जाए।

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