गोरखपुर: 7 माह से नहीं मिला वेतन, फांसी के फंदे से लटकी मिली महिला संविदा कर्मी

गोरखपुर: 7 माह से नहीं मिला वेतन, फांसी के फंदे से लटकी मिली महिला संविदा कर्मी

गोरखपुर। जिले के जिला अस्पताल में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी की महिला संविदा कर्मी ने सात माह से बकाये वेतन के कारण आर्थिक तंगी से जूझते हुए खुदकुशी कर ली। जहां महिला का शव फंदे से लटकता हुआ मिला। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। …

गोरखपुर। जिले के जिला अस्पताल में कार्यरत एक चतुर्थ श्रेणी की महिला संविदा कर्मी ने सात माह से बकाये वेतन के कारण आर्थिक तंगी से जूझते हुए खुदकुशी कर ली। जहां महिला का शव फंदे से लटकता हुआ मिला। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को उतरवाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश के अस्पतालों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है। लेकिन इन आउटसोर्सिंग कर्मचारियों का वेतन अक्सर बकाया ही रहता है। वहीं गोरखपुर में भी आए दिन लगभग 4 से 5 दर्जन आउटसोर्सिंग कर्मियों की ओर से बकाया भुगतान को लेकर धरना प्रदर्शन कर ज्ञापन दिया जाता है। जिसका नतीजा कुछ नहीं निकलता है। कुछ ऐसा ही मामला मृतका शहाना के साथ भी हुआ। शहाना पिछले कुछ वर्षों से महिला अस्पताल में आया का काम कर रही थी। जिसका 8 महीने का बेटा भी है।

पिछले 7 माह से वेतन ना मिलने के कारण और उसके सामने तमाम कठिनाइयां आ रही थी। जिसके चलते कुछ दिनों पहले वह अपने साथियों समेत जिलाधिकारी से मिलकर वेतन बकाया भुगतान करवाने की मांग की थी। जिसे सुनकर जिलाधिकारी ने सहानुभूति पूर्वक उसे जल्द ही समस्या के समाधान का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक वेतन नहीं मिल सका था। मामले में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतका का शव उतरवाया है। वहीं, शहाना के मौत की जानकारी मिलते ही जिला महिला अस्पताल में कार्यरत आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने कामकाज बंद करके प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है।

प्रदर्शन करने वाले आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने कहा कि लगभग 1 सप्ताह पहले जब डीएम साहब ने अस्पताल का दौरा किया था तो कर्मचारियों ने उनसे वेतन भुगतान की बात बताई थी। जिसे सुनकर उन्होंने अधिकारियों को वेतन भुगतान करने का निर्देश भी दिया था। लेकिन डीएम के जाने के बाद ही अस्पताल के अधिकारी अपने रवैये पर आ गए।

अस्पताल कर्मियों ने जिलाधिकारी आवास पर पहुंचकर वेतन बकाए से शहाना की मौत बताते हुए अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। अब शहाना के मौत की खबर पाकर अस्पताल के दूसरे कर्मचारी संगठन भी उनके साथ हो लिए हैं। हालांकि जिला महिला अस्पताल में कामकाज ठप होने और प्रदर्शन होने की बात सुनकर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव ने कहा कि खुदकुशी की वजह स्पष्ट नहीं है। इसके पीछे कुछ निजी कारण भी हो सकते हैं, जिसको लेकर जांच कराई जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया है कि जल्द ही अस्पताल के सभी कर्मचारियों का बकाया वेतन भुगतान करवा दिया जाएगा।