Video: स्वास्थ्य मंत्री ने फंगस लगे बेड पर जबरन लिटाया, मेडिकल यूनिवर्सिटी के VC ने दिया इस्तीफा, हुए भावुक

Video: स्वास्थ्य मंत्री ने फंगस लगे बेड पर जबरन लिटाया, मेडिकल यूनिवर्सिटी के VC ने दिया इस्तीफा, हुए भावुक

मोहाली। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति पद से इस्तीफा देने वाले डॉ. राज बहादुर, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से मोहाली में मुलाकात के दौरान भावुक हुए। बता दें कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा के अभद्र व्यवहार से निराश बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. …

मोहाली। बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति पद से इस्तीफा देने वाले डॉ. राज बहादुर, पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वारिंग से मोहाली में मुलाकात के दौरान भावुक हुए। बता दें कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जोड़ामाजरा के अभद्र व्यवहार से निराश बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. राज बहादुर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री भगवंत मान को भेजने की पुष्टि की है। साथ ही कहा कि उन्होंने अपने जीवन मे पहली बार ऐसे व्यवहार का सामना किया है।

शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह ने भी पंजाब की भगवंत मान सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि डा. राजबहादुर जैसे जाने-माने डाक्टर व सर्जन के साथ इस तरह का व्ययहार बेहद निंदनीय और गैरजिम्मेदारना है।

गौरतलब है कि पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा शुक्रवार को बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के गुरु गोबिंद सिंह मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया। इस दौरान स्किन वार्ड के फटे व गंदे गद्दे देख वह भड़क गए। उन्होंने पास खड़े यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ. राज बहादुर का हाथ पकड़कर बेड पर लिटा दिया और कहा कि आप भी इस गंदगी का अहसास करें।

मंत्री ने कहा कि यह चमड़ी रोग वार्ड है और आप जानते हैं त्वचा रोगों में सफाई की कितनी जरूरत होती है। इस पर वीसी ने कहा कि फंड की कमी की वजह से बेड और बिस्तर का प्रबंध नहीं हो सका। स्वास्थ्य मंत्री ने फिर कहा कि आप यहां के अधिकारी हैं। आप व्यवस्था को सुधार सकते थे। जो भी आपके पास है, उसकी तो साफ-सफाई करवा सकते थे।

डॉ. राज बहादुर (71) देश के जाने-माने स्पाइनल सर्जन और क्षेत्रीय स्पाइनल इंजरी सेंटर, मोहाली के परियोजना निदेशक और सदस्य सचिव हैं। वह देश में सर्वोच्च चिकित्सा नियामक संस्था, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सदस्य भी हैं। वह पीजीआई आर्थोपीडिक्स डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष और चंडीगढ़ मेडिकल कॉलेज के निदेशक रह चुके हैं।

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