पराली के मुद्दे पर आप नेताओं का दोहरा चरित्र बेपर्दा: सुनील जाखड़

पराली के मुद्दे पर आप नेताओं का दोहरा चरित्र बेपर्दा: सुनील जाखड़

चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता सुनील जाखड़ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी(आप) नेतृत्व पर पराली के मुद्दे पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि पंजाब की आप सरकार ने समय पर पराली प्रबंधन के लिये कोई यत्न नहीं किया। जाखड़ ने आज यहां जारी किये गये …

चंडीगढ़। भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता सुनील जाखड़ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित आम आदमी पार्टी(आप) नेतृत्व पर पराली के मुद्दे पर दोहरा चरित्र अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि पंजाब की आप सरकार ने समय पर पराली प्रबंधन के लिये कोई यत्न नहीं किया। जाखड़ ने आज यहां जारी किये गये बयान में कहा कि एक साल पहले तक केजरीवाल पंजाब की तत्कालीन सरकार और पंजाब के किसानों को पराली के धुंए के लिये जिम्मेवार बताकर प्रदेश सरकार पर सारा दोष मढ़ रहे थे लेकिन अब मान सरकार को लेकर उनके बोल बदल गये हैं।

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उन्होंने कहा कि आप नेता सिर्फ झूठे आरोप लगाने में विश्वास करते हैं जबकि हकीकत तौर पर इसकी सरकार कुछ नहीं कर रही है। केन्द्र की मोदी सरकार द्वारा पराली प्रबंधन के लिये मशीनें उपलब्ध करवाने के लिये धन मुहैया करवाये जाने के बावजूद पंजाब के किसानों को समय पर न तो मशीनें मुहैया करवाई गईं और न ही उपलब्ध संसाधनों का सही प्रयोग किया गया। इसके लिए कोई कार्ययोजना भी निचले स्तर पर नहीं बनाई गई।

सरकार ने अपने स्तर पर की जाने वाली योजनाबंदी तो की नहीं बल्कि अब नंबरदारों और छोटे अधिकारियों को पराली जलाने के लिये जिम्मेवार ठहरा कर सरकार अपनी गलतियों का बोझ किसी अन्य पर डालने का प्रयास कर रही है। भाजपा नेता ने दिल्ली सरकार के इश्तिहारबाजी स्टंट पर तंज करते हुए कहा कि पिछले दो सालों में दिल्ली सरकार ने दिल्ली के किसानों को डिकंपोजर के साथ पराली प्रबंधन के लिये 68 लाख रुपये खर्च किये पर इस सबंधी की गई इश्तिहारबाजी पर 23 करोड़ रुपये खर्च कर दिये।

डिकंपोजर तकनीक दिल्ली में भी पूरी तरह असफल हो चुकी है और पंजाब खेतीबाडी यूनिवर्सिटी ने भी अभी तक इसकी कोई सिफारिश नहीं की फिर सरकारी पैसे को इसके प्रचार के लिये क्यों पानी की तरह बहाया गया। उन्होंने कहा कि अच्छा हो अगर पंजाब और दिल्ली की आप सरकारें असली मुद्दों को समझ कर किसानों को सही मार्गदर्शन देने और केन्द्र सरकार द्वारा भेजे धन के साथ समय पर किसानों को मशीनें उपलब्ध करवायें ताकि किसान पराली को बिना जलाये संभाल कर सकें।

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