मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अंग्रेजी माध्यम के पहले कॉलेज का किया उद्घाटन, ये रहेगी व्यवस्था

मुख्यमंत्री माणिक साहा ने अंग्रेजी माध्यम के पहले कॉलेज का किया उद्घाटन, ये रहेगी व्यवस्था

अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ के साथ मंगलवार को त्रिपुरा शहर में राज्य के पहले अंग्रेजी माध्यम के सामान्य डिग्री कॉलेज का उद्घाटन किया। इसकी क्षमता 100 छात्रों का नामांकन करने की है। पिछले माह शुरू हुए इस शैक्षणिक सत्र में कला संकाय के पांच विषयों को बंगाली …

अगरतला। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ के साथ मंगलवार को त्रिपुरा शहर में राज्य के पहले अंग्रेजी माध्यम के सामान्य डिग्री कॉलेज का उद्घाटन किया। इसकी क्षमता 100 छात्रों का नामांकन करने की है। पिछले माह शुरू हुए इस शैक्षणिक सत्र में कला संकाय के पांच विषयों को बंगाली और अंग्रेजी में अनिवार्य रूप से पढ़ाया जाएगा।

इस डिग्री कॉलेज का निर्माण एक पुराने शिक्षक प्रशिक्षण कॉलेज का नवीनीकरण करते हुए किया गया है जिसकी लागत एक करोड़ रुपये से ज्यादा है। मुख्यमंत्री ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि 2018 में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद, राज्य की अकादमिक अवसंरचना को अपग्रेड किया है जिससे राज्य को शिक्षा का हब बनाया जा सके।

उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में स्कूलों, प्रत्येक ब्लॉक में से कम से कम एक स्कूल को सभी आधुनिक शैक्षिक उपकरणों से लैश करने के साथ अंग्रेजी माध्यम वाले सरकारी संस्थान के रूप में परिवर्तित किया गया है। डॉ. साहा ने कहा कि पहले चरण में, सीबीएसई के संपूर्ण पाठ्यक्रम की शुरूआत की गई है, शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अनुसार बड़ी संख्या में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की गई है और सरकारी स्कूलों के 40,000 से ज्यादा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है और राष्ट्रीय औसत के अनुसार छात्रों और शिक्षकों के अनुपात में भी सुधार किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूल छोड़ चुके छात्रों को स्कूल वापस लाने के लिए कई अभिनव कार्यक्रमों की भी शुरूआत की है, मिड-डे मील में गुणवत्तापूर्ण भोजन, छात्रों को स्कूल में अध्ययन करने के लिए कई आकर्षक योजनाएं, दसवीं कक्षा के बाद मेडिकल और इंजीनियरिंग के लिए विशेष कोचिंग की व्यवस्था आदि।

शिक्षा मंत्री रतन लाल नाथ ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले चार वर्षों में स्कूलों और कॉलेजों की अवसंरचनाओं का विकास करने के लिए बड़ी मात्रा में धन का निवेश किया है। त्रिपुरा सरकार ने शिक्षा क्षेत्र का विकास करने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी पर बल दिया है और युवाओं के रोजगार और आत्मनिर्भरता को व्यापक बनाने के लिए मूल्य-आधारित शिक्षा और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों पर बल दिया है।

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