बरेली: धर्मपाल सिंह के समक्ष उठाईं मदरसों की समस्याएं

बरेली: धर्मपाल सिंह के समक्ष उठाईं मदरसों की समस्याएं

बरेली,अमृत विचार। दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के नेतृत्व में उलमा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पशुपालन एवं दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह से मुस्लिम मामलों और मदरसों की समस्याओं के संबंध में ज्ञापन दिया। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने …

बरेली,अमृत विचार। दरगाह आला हजरत से जुड़े संगठन तंजीम उलमा ए इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी के नेतृत्व में उलमा के एक प्रतिनिधिमंडल ने पशुपालन एवं दुग्ध विकास, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह से मुस्लिम मामलों और मदरसों की समस्याओं के संबंध में ज्ञापन दिया।

ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने मदरसों को मुख्य धारा से जोड़ने की बात कही है। ये बहुत बड़ा कार्य है, इसको अमलीजामा पहनाने के लिए बड़े स्तर पर कार्य योजना बनानी होगी। 550 मदरसों को छोड़ कर प्रदेश में लगभग 20 हजार मदसे संचालित हैं। ये तमाम मदरसे मुसलमानों के आपसी चंदे से चल रहे हैं।

अगर सरकार मदरसों की तरक्की और विकास की तरफ ध्यान दे तो इन मदरसों द्वारा युवा पीढ़ी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकती है। मदरसों के पास इतना फंड नहीं होता है कि वह सीसीटीवी कैमरे और कम्प्यूटर लैब की व्यवस्था कर पाएं। उन्होंने कहा कि मदरसे की मान्यताएं लगभग 7 साल से बंद हैं। जबकि पहले जिला स्तर पर तैहतानीया (प्राइमरी) और फौकानीय ( जूनियर) की मान्यताएं हो जाती थीं और आलिया ( हाई स्कूल)व उच्च आलिया (इंटर) की मान्यताएं शासन स्तर से होती थीं।

मदरसों में कार्यरत शिक्षकों का 56 माह का वेतन रुका है। उसके भुगतान की भी मांग की गई। उन्होंने वक्फ सम्पत्तियों से अवैध कब्जे हटाकर उस पर स्कूल, कालेज , अस्पताल बनाने की बात की गई। इस मौके पर मौलाना अफसार अहमद, हाफिज नूर अहमद अजहरी, सय्यद तय्यब चिश्ती , मौलाना अरबाज रजा, बिलाल कुरैशी, जहीर अहमद नूरी, मुस्ताकीम अंसारी, जारिफ गद्दी आदि मौजूद रहे।

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