बरेली: वाईशेप में नहीं बनेगा कुतुबखाना पुल, कोतवाली या चौपुला रोड, सोमवार को खुलेंगे पत्ते

बरेली: वाईशेप में नहीं बनेगा कुतुबखाना पुल, कोतवाली या चौपुला रोड, सोमवार को खुलेंगे पत्ते

बरेली, अमृत विचार। कुतुबखाना पुल की स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है। पुल अब वाईशेप में नहीं बनेगा। इसके लिए बजट का अभाव है। सीधा पुल बनाने के लिए अभी 105 करोड़ मंजूर हुए हैं। जबकि वाईशेप में पुल बनाने पर 136 करोड़ रुपये खर्च होने की बात सामने आई है, इसलिए कोहाड़ापीर चौराहे से …

बरेली, अमृत विचार। कुतुबखाना पुल की स्थिति लगभग स्पष्ट हो गई है। पुल अब वाईशेप में नहीं बनेगा। इसके लिए बजट का अभाव है। सीधा पुल बनाने के लिए अभी 105 करोड़ मंजूर हुए हैं। जबकि वाईशेप में पुल बनाने पर 136 करोड़ रुपये खर्च होने की बात सामने आई है, इसलिए कोहाड़ापीर चौराहे से बनने वाले पुल को वाईशेप में बनाने के लिए संयुक्त टीम ने इनकार कर दिया है।

मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे के निर्देश पर गठित संयुक्त टीम में मुख्य किरदार निभा रहे सेतु निगम के अधिकारियों ने पुल की भौगोलिक स्थिति परखकर रिपोर्ट तैयार कर ली है। पुल कोतवाली रोड या फिर चौपुला रोड पर उतरेगा, इसके पत्ते सोमवार को खुल जाएंगे। सेतु निगम के अधिकारियों ने सोमवार को संयुक्त टीम में शामिल सभी सदस्यों के हस्ताक्षर कराकर रिपोर्ट मंडलायुक्त को सौंपे जाने की बात कही है।

कुतुबखाना पुल को लेकर एक माह से गतिरोध चल रहा है। पहले यह पुल कोहाड़ापीर से लेकर कोतवाली तक बनना प्रस्तावित था लेकिन जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद पुल कोतवाली रोड से हटाकर चौपुला पुल रोड पर उतारने की बात सामने आ गई। इससे कोतवाली रोड के व्यापारी शांत हुए तो चौपुला रोड और कुतुबखाना चौराहों के व्यापारियों ने पुल का विरोध शुरू कर दिया। व्यापारियों के विरोध पर गतिरोध बढ़ गया।

इस गतिरोध को समाप्त कर पुल बनवाने के लिए मंडलायुक्त के निर्देश पर प्रशासन, पुलिस, सेतु निगम, स्मार्ट सिटी समेत पांच विभागों के अधिकारियों की संयुक्त टीम गठित की गई, लेकिन पहले संयुक्त टीम में शामिल सीओ, फिर सेतु निगम के अधिकारी छुट्टी पर चले गए। इससे पुल किस सड़क पर उतारा जाए, इसको लेकर रिपोर्ट तैयार नहीं हुई थी। इधर, टीम में शामिल नगर मजिस्ट्रेट राजीव पांडेय पुल बनने की भौगोलिक स्थिति देखकर पहले ही मंडलायुक्त को अवगत करा चुके हैं कि पुल वाईशेप में बनेगा तो लागत ज्यादा आएगी।

चौपुला रोड को लेकर कई दिक्कतें बताई थीं। उन्होंने कोतवाली रोड को ज्यादा बेहतर बताया है लेकिन तीनों विकल्प पर निर्णय सेतु निगम को ही लेना है। इसमें वाईशेप के विकल्प को सेतु निगम के अधिकारी भी खारिज कर चुके हैं।

कुतुबखाना पुल की रिपोर्ट से सेतु निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को तैयार करनी है। सेतु निगम के अधिकारी शायद छुट्टी पर गए हैं। सोमवार तक हर हाल में रिपोर्ट तैयार कराकर सौंप दी जाएगीराजीव पांडेय, नगर मजिस्ट्रेट।

कुतुबखाना पुल को लेकर रिपोर्ट सोमवार को सौंप दी जाएगी। पुल के लिए जितना बजट है उसके अनुसार वाईशेप पुल नहीं बन पाएगा। इसके लिए जगह छोड़ दी जाएगीवीके सेन,डीपीएम, सेतु निगम।

जनप्रतिनिधियों के दखल से प्रशासन की दिक्कतें बढ़ीं
कुतुबखाना पुल बनाने को लेकर पहले विरोध हुआ लेकिन काफी हद तक मामला सुलझ गया था। जैसे ही कोतवाली रोड से हटाकर पुल चौपुला रोड पर उतारे जाने की बात चली। तभी विरोध तेज हो गया। चौपुला रोड के व्यापारियों ने खुलकर जनप्रतिनिधियों पर भेदभाव का आरोप लगाया।

कहा कि कोतवाली रोड के व्यापारियों के कहने पर जनप्रतिनिधियों ने चौपुला रोड पर पुल उतारने का दबाव अधिकारियों पर बनाया था। गतिरोध बढ़ने पर प्रशासन की दिक्कतें भी बढ़ गईं। पुल के संबंध में मंडल प्रभारी मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी से जब अधिकारियों ने चर्चा की तब उन्होंने गतिरोध समाप्त कर पुल बनवाने के निर्देश दिए थे।

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