बरेली: प्राथमिक स्कूल के जर्जर हुए कमरे, 75 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षिका

बरेली: प्राथमिक स्कूल के जर्जर हुए कमरे, 75 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षिका

बरेली, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में विभागीय शिथिलता के कारण बच्चों को शिक्षा के लिए सुरक्षित माहौल तक नहीं मिल पा रहा है। पीर बहोड़ा स्थित प्राथमिक स्कूल के बच्चे जहरीले जीव व कीटों के खतरे के बीच पढ़ाई करने को विवश हैं। दरअसल, जहां बच्चों को पढ़ाया जाता है, उसके पास ही तालाब है। …

बरेली, अमृत विचार। परिषदीय स्कूलों में विभागीय शिथिलता के कारण बच्चों को शिक्षा के लिए सुरक्षित माहौल तक नहीं मिल पा रहा है। पीर बहोड़ा स्थित प्राथमिक स्कूल के बच्चे जहरीले जीव व कीटों के खतरे के बीच पढ़ाई करने को विवश हैं। दरअसल, जहां बच्चों को पढ़ाया जाता है, उसके पास ही तालाब है। बारिश के समय गंदा पानी स्कूल तक पहुंच जाता है। ऐसे में जहरीले जीवों के बच्चों तक पहुंचने का खतरा बना हुआ है।

स्कूल का एक बड़ा हिस्सा जर्जर है। प्रधानाध्यापक नूतन माथुर ने बताया कि विद्यालय के पास एक तालाब है ,जो गंदे पानी से भरा रहता है। बरसात के दिनों में तालाब का जल स्तर काफी ज्यादा हो जाता है जो स्कूल में भर जाता है। गंदे पानी के साथ अनेक प्रकार के सांप जैसे जहरीले जीव व कीटों के आने का खतरा बढ़ जाता है। जर्जर हो चुके कमरों में बच्चों को जाने से रोकने के लिए ईंट लगाई गई हैं, लेकिन बरसात के दिनों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस प्रबंध नहीं किया गया है।

75 बच्चों को पढ़ाने के लिए सिर्फ एक शिक्षिका
स्कूल में कुल 75 बच्चे पंजीकृत हैं, जिनको पढ़ाने की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापिका पर है। यहां शिक्षामित्र अथवा अनुदेशक की तैनाती नहीं है।

स्कूल का एक हिस्सा जर्जर है, जिसे ध्वस्त कराने की प्रक्रिया शुरू करा दी गई है। स्कूल में पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती के लिए संबंधित अधिकारी से जानकारी ली जाएगी। विद्यालय में जल्द शिक्षकों की तैनाती की जाएगीविनय कुमार, बीएसए।

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