बरेली: बेंच के बहाने पहचान के बड़े मुद्दे पर बहस दिखाता पार्क

बरेली, अमृत विचार। विंडरमेयर थिएटर में रविवार को रंग विनायक रंग मंडल के कलाकारों की ओर से प्रसिद्ध नाटककार व फिल्मकार मानव कॉल के लिखे नाटक पार्क का मंचन किया। इंसान की मनोदशा को बाखूबी उकेरा। मंचन में ”पार्क” में अपनी साइकिएट्रिस्ट इति (फ़रीन) का इंतजार करता उदय (दानिश खान) परेशान है कि किसी तरह …

बरेली, अमृत विचार। विंडरमेयर थिएटर में रविवार को रंग विनायक रंग मंडल के कलाकारों की ओर से प्रसिद्ध नाटककार व फिल्मकार मानव कॉल के लिखे नाटक पार्क का मंचन किया। इंसान की मनोदशा को बाखूबी उकेरा। मंचन में ”पार्क” में अपनी साइकिएट्रिस्ट इति (फ़रीन) का इंतजार करता उदय (दानिश खान) परेशान है कि किसी तरह उसे अपनी बीमारी का इलाज मिल जाए। उसे लोगों ने बताया है कि खुद को जीनियस समझना उसकी बीमारी है।

इति उससे मिलने तो आती है मगर उसका इलाज करने से इनकार कर देती है। वो उसकी बात अनसुनी करके पार्क से चली जाती है। उदय और भी परेशान होकर एक बेंच पर बैठ जाता है मगर कुछ ही पल में नवाज़ (रईस खान) आकर उस बेंच पर अपना दावा ठोक देते हैं। पार्क की तीन बेंचों पर अलग-अलग दावों को आधार बनाते हुए लेखक मानव कॉल ने बड़ी खूबसूरती से जगह और पहचान की बहस पेश की है।

तीनों कलाकारों की बहस में कभी वो सिर्फ एक बेंच होती है तो कभी कश्मीर और कभी फिलस्तीन मुद्दे का प्रतीक बन जाती है। कभी आदिवासियों को उनकी जगह से बेदखल करके नक्सल बना डालने की शिकायत सामने आती है तो कभी चीन-तिब्बत विवाद का जिक्र होता है और कभी हिंदू-मुसलमान के खेल से भी पर्दा उठता नजर आता है। नाटक का निर्देशन दानिश खान ने किया। अद्वैत ने हुसैन की भूमिका निभाई। बैकस्टेज टीम में शुभा भट्ट भसीन (लाइट्स), मनजीत (संगीत), लव, स्पर्श और अभिषेक शामिल रहे। इस मौके पर डॉ. बृजेश्वर सिंह मौजूद रहे।

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