बरेली: 12 किलोमीटर में 2200 गड्ढे, थम रही वाहनों की रफ्तार

बरेली: 12 किलोमीटर में 2200 गड्ढे, थम रही वाहनों की रफ्तार

बरेली, अमृत विचार। सड़क अच्छी हो तो सफर सुगम हो जाता है, लेकिन सेटेलाइट से पीलीभीत बाईपास को जाने वाली सड़क पर राहगीरों के सामने दुश्वारियों का पहाड़ है। इस मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। सड़क पर करीब छोटे और बड़े मिलाकर करीब 2200 गड्ढे हैं। बस, जरा सा चूके तो हादसा होते देर …

बरेली, अमृत विचार। सड़क अच्छी हो तो सफर सुगम हो जाता है, लेकिन सेटेलाइट से पीलीभीत बाईपास को जाने वाली सड़क पर राहगीरों के सामने दुश्वारियों का पहाड़ है। इस मार्ग पर चलना खतरे से खाली नहीं है। सड़क पर करीब छोटे और बड़े मिलाकर करीब 2200 गड्ढे हैं। बस, जरा सा चूके तो हादसा होते देर नहीं लगेगी। एक तो गड्ढे, दूसरा धूल का गुबार। दोनों ही सफर को जोखिम में डाल रहे हैं। यह समस्या कोई हाल के दिनों की नहीं है। लंबे समय से परेशानी चली आ रही है, पर जिम्मेदार सड़क की मरम्मत के नाम पर पैचवर्क कर रस्म अदायगी कर लेते हैं। हाल में हुई बारिश के बाद इस सड़क पर चलना और भी दूभर हो गया है।

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सेटेलाइट से पीलीभीत बाईपास की दूरी करीब 12 किलोमीटर है। सड़कों पर दुश्चारियों का सामना कर रहे लोगाें की समस्याओं को अमृत विचार लगातार उठा रहा है। अभियान चलाकर जिम्मेदारों काे जगाने की काेशिश की जा रही है। अब इसी कड़ी में मंगलवार को अमृत विचार की टीम ने सेटेलाइट से पीलीभीत बाईपास तक सफर किया। हमने इतनी दूरी में जो महसूस किया, उससे आपको भी रूबरू करा रहे हैं। दोपहर के ठीक 1 बजे सेटेलाइट से पीलीभीत मार्ग पर चले। बमुश्किल एक किमी का सफर कर जैसे हम आगे बढ़े तो रास्ते में एक बड़ा सा गड्ढा मिला। यहां जरा सा चूके तो हादसा होना तय है, इससे आगे बढ़ने पर सौ फुटा रोड के पास पूरी सड़क ही जर्जर है। सफर हिचकोले खाता रहा।

सौ फुटा से आगे बढ़ने पर एक माल के सामने भी कई गड्ढे हैं। यहां से बचकर गुजरना पड़ा। इसी के साथ हम शहर के आखिरी छोर पर पहुंच चुके थे। कुछ दूरी आगे बढ़ने पर पूरी सड़क पर गड्ढे ही गड्ढे हैं। कार, बाइक हिचकोले खाते हुई निकलती है। वाहन यहां पर चलते नहीं बल्कि रेंगते हैं। यहां पहुंचने पर आपको ग्रामीण क्षेत्र में आने का एहसास होता है।

मयूर वन चेतना से आगे बढ़ने पर एयरपोर्ट पड़ता है। हवाई अड्डा के अंदर जाने वाले रास्ते के सामने भी सड़क पर कई गड्ढे हैं। यहां से आगे चलने पर पड़ने वाले चौराहे पर सड़क की हालत भी कमोबेश यही है। करीब 8 मिनट का और सफर तय कर टीम पीलीभीत बाईपास पर पहुंच गई। इस तरह से सेटेलाइट से पीलीभीत बाईपास तक पहुंचने में ठीक 31 मिनट लग गए थे। ऐसे में आप सहज ही समझ सकते हैं कि सफर कितना खतरनाक है।

30 के ऊपर रफ्तार…गड्ढा कर रहा इंतजार
इस सड़क पर चलने में कार, बाइक सवारों को स्पीड तय नहीं करनी पड़ती है बल्कि यह कहें कि यहां पर गड्ढों ने वाहनों की रफ्तार को तय कर रखा है तो गलत नहीं होगा। वजह, पूरे सफर में 25 से 30 के ऊपर वाहन का स्पीडोमीटर नहीं जा पाता। अगर आप बढ़ाने की कोशिश करेंगे तो आगे आपके लिए खतरा हो सकता है।

सड़कों काे गड्ढा मुक्त करने का काम चल रहा है। सेटेलाइट से पीलीभीत को जाने वाली सड़क पर भी जल्द ही कार्य शुरू होगा। बारिश से पहले पैचिंग की गई थी, लेकिन अब उखड़ गई है।- नारायण सिंह, अधिशासी अभियंता प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग

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