अयोध्या: ग्राम प्रधान संगठन ने असहयोग आंदोलन की दी चेतावनी

अयोध्या: ग्राम प्रधान संगठन ने असहयोग आंदोलन की दी चेतावनी

अयोध्या। मानदेय सहित कई मांगों को लेकर अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम 13 सूत्रीय ज्ञापन सीआरओ चंद्रशेखर मिश्रा को सौंपा। इसके साथ ही अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने चेतावनी दी की अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो पूरे प्रदेश में काम बंद करते हुए असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा। …

अयोध्या। मानदेय सहित कई मांगों को लेकर अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री के नाम 13 सूत्रीय ज्ञापन सीआरओ चंद्रशेखर मिश्रा को सौंपा। इसके साथ ही अखिल भारतीय प्रधान संगठन ने चेतावनी दी की अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो पूरे प्रदेश में काम बंद करते हुए असहयोग आंदोलन चलाया जाएगा।

जिलाध्यक्ष राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि संगठन ने कुछ मांगों को सरकार के सामने रखा था और उन्हें लागू करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था। समय बीतने के बाद भी सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी है। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश भर में ज्ञापन सौंपने का कार्य किया गया है। इसी क्रम में हमने यहां भी ज्ञापन सौंपा।

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मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन में सहायक सचिव कम डाटा एंट्री ऑपरेटर व शौचालय केयरटेकर के मानदेय की व्यवस्था राज्य सरकार स्वयं करे। जनपद स्तर पर माह में एक बार उक्त जनपद के जिला अधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अध्यक्षता में पंचायत दिवस मनाया जाए। पंचायत से जुड़े राजस्व कर्मी, पंचायत कर्मी, आंगनवाड़ी, राशन कोटेदार व सरकारी स्कूल के अध्यापकों की उपस्थिति कार्य प्रमाणन, निलंबन की संस्तुति सहित सभी मामलों में पंचायतों को पूर्ण अधिकार दिया जाय। प्रधानों, क्षेत्र पंचायत सदस्यों व जिला पंचायत सदस्यों की सुरक्षा शस्त्र लाइसेंस जारी करने में प्राथमिकता दी जाए। जिला योजना समिति में प्रधानों को प्रतिनिधित्व दिया जाए।

दस लाख रुपए तक के कार्य एस्टीमेट पास कराने में ग्राम सभा को पूर्ण अधिकार दिया जाये। राज्य वित्त आयोग व प्रशासिनक सुधार आयोग की समस्त प्रमुख सिफारिशों को उत्तर प्रदेश में लागू किया जाये। पंचायतों में प्रयुक्त होने वाली निर्माण सामग्री (इंट, मोरंग, सफेद, बालू, गिट्टी, सरिया, सीमेन्ट, आदि) का मूल्य बाजार दर से बहुत ही कम है। अत: उसे बाजार दर के अनुरूप पुनरीक्षित किया जाय। सफाई कर्मियों के कार्य क्षेत्र का निर्धारण जनसंख्या के बराबर-बराबर हिस्से में किया जाना न्याय संगत होगा।