बरेली: 500 रुपए खर्च करके तीन दिन किराये पर पालें कुत्ता

बरेली,अमृत विचार। एक जमाने में बच्चे कॉमिक्स किराए पर लेकर पढ़ते थे। किसी की पसंद नागराज थी तो किसी की सुपर कमांडो ध्रुव। चाचा चौधरी और साबू के दीवाने भी गली-गली रहते थे लेकिन डिजिटल जमाने में कॉमिक्स का क्रेज खत्म हो गया। कॉमिक्स के शौक की जगह अब अन्य चीजों ने ले ली है। …
बरेली,अमृत विचार। एक जमाने में बच्चे कॉमिक्स किराए पर लेकर पढ़ते थे। किसी की पसंद नागराज थी तो किसी की सुपर कमांडो ध्रुव। चाचा चौधरी और साबू के दीवाने भी गली-गली रहते थे लेकिन डिजिटल जमाने में कॉमिक्स का क्रेज खत्म हो गया। कॉमिक्स के शौक की जगह अब अन्य चीजों ने ले ली है। बच्चों को घरों में कुत्ता पालने का भी शौक चढ़ा है। बच्चों के शौक पूरा करने के लिए मां-बाप के सामने कई दिक्कतें हैं।
कुछ आर्थिक कारणों से कुत्तों को पाल नहीं सकते तो कुछ देखरेख न कर पाने की वजह से बच्चों के शौक को पूरा नहीं कर पाते लेकिन उनकी दिक्कतों को सिविल लाइंस स्थित पेट शॉप संचालक काफी हद तक दूर कर रहे हैं। संचालक कुत्तों को तीन दिन के लिए किराये पर पालने के लिए देते हैं। इसके बदले में 300 रुपये से लेकर 500 रुपये तक किराया वसूल रहे हैं। इससे जहां बच्चों का शौक पूरा हो रहा है वहीं उनके लिए कमाई का नया जरिया भी खुला है।
छोटे प्रजाति के कुत्ते बच्चों की पहली पसंद बने हैं। खासकर सिड-जू। तभी तो लोग बच्चों के शौक को पूरा करने के लिए इसे किराये पर घर लेकर जा रहे हैं। पेट शॉप संचालक पम्मी बताते हैं कि सिड-जू प्रजाति का कुत्ता दिसंबर में पंजाब से लेकर आए थे। चार महीने के इस कुत्ते को लेने के लिए लोग नंबर लगाए रहते हैं। इसको अपने घर में रखने के लिए लोग प्रतिदिन 300 रुपये से लेकर 500 रुपए तक चुकाते हैं। खाना-पीना और उसकी देखरेख की पूरी जिम्मेदारी भी किराये पर ले जाने वाले की रहती है।
बड़े-बड़े बाल करते हैं आकर्षित
छोटी प्रजाति के इस कुत्ते के बड़े-बड़े बाल बच्चों को ज्यादा आकर्षित करते हैं। किराये पर लेने वाले अधिकांश लोग बच्चों की मांग पर ही उनके पास पहुंचते हैं।
जो कुत्ता पाल नहीं सकते उनके लिए सहूलियत
वैसे तो लोग कुत्ते खूब पालते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो शौक होने के बावजूद भी किसी वजह से कुत्ता नहीं पाल सकते। ऐसे लोग किराये पर कुत्ता लेकर अपना शौक पूरा कर रहे हैं। दूसरी वजह यह भी है कि इस प्रजाति के पिल्ले की कीमत 25000- 40000 रुपये तक होती है। ऐसे में जो लोग इतनी मोटी रकम खर्च नहीं कर पाते हैं, वे भी इसे किराये पर रखकर शौक पूरा कर रहे हैं।
अब तक पचास से ज्यादा लोगों ने लिया किराये पर
पम्मी बताते हैं कि करीब दो महीने में ही पचास से ज्यादा परिवार उनके सिड-जू को किराये पर ले चुके हैं। इनमें से कुछ लोग तो ऐसे हैं, जो बच्चों की जिद पर उसे दो से ज्यादा बार भी अपने घर ले जा चुके हैं।