बरेली: चार घंटे तक ठेले पर दर्द से कराहती रही महिला, नहीं मिला उपचार

बरेली, अमृत विचार। बुजुर्ग महिला का इलाज कराने के लिए पति और बेटा भयंकर गर्मी में 18 किलोमीटर दूर से ठेले पर लेकर आए। उन्हें उम्मीद थी कि जिला अस्पताल पहुंचते ही इलाज मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए चार घंटे तक सिर्फ इसलिए इंतजार करना पड़ा क्योंकि डॉक्टरों …
बरेली, अमृत विचार। बुजुर्ग महिला का इलाज कराने के लिए पति और बेटा भयंकर गर्मी में 18 किलोमीटर दूर से ठेले पर लेकर आए। उन्हें उम्मीद थी कि जिला अस्पताल पहुंचते ही इलाज मिल जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्हें अस्पताल में इलाज के लिए चार घंटे तक सिर्फ इसलिए इंतजार करना पड़ा क्योंकि डॉक्टरों ने बिना कोरोना जांच के उपचार करने से इनकार कर दिया था। कोरोना की जांच होने के बाद ही उसे इलाज मिला।
कोरोना संकट की दूसरी लहर के बाद सरकार की तरफ से सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी की सेवाए बंद कर गई थीं। अब हालात सामान्य होने के बाद ओपीडी सेवा फिर से शुरू कर दी गई है। मगर जिला अस्पताल में इलाज कराने या किसी जांच से पहले कोरोना की एंटीजन या आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट होना अनिवार्य कर दिया गया है।
सीबीगंज थाना क्षेत्र के खड़ौआ गांव में रविवार को दो पक्षों में आपस में विवाद हो गया था। मौके पर पहुंची पुलिस ने जमा भीड़ को दौड़ाया तो पड़ोस में रहने वाली विंद्रा देवी गिरकर घायल हो गई थीं। सोमवार की सुबह करीब 10 बजे उन्हें पति और बेटा स जिला अस्पताल की ओपीडी में उपचार कराने के लिए लाए थे। दोनों उन्हें सीबीगंज से ठेले पर लाए थे।
आरोप है कि विंद्रा देवी दर्द की वजह से कराह रही थीं मगर डाक्टरों ने इलाज करने से पहले कोरोना की रिपोर्ट मांग ली। जिसके बाद परिवार के लोग महिला को कोरोना की जांच कराने के लिए कई घंटे तक लाइन में लगे रहे। करीब चार घंटे के बाद उनकी कोरोना की जांच पूरी होने के बाद ओपीडी में बैठे डाक्टर ने उन्हे देखने के बाद एक्सरे कराकर दवा दी।