बरेली: कोडिंग मशीन से लॉक तोड़कर करते थे कार चोरी

बरेली, अमृत विचार। घरों के बाहर खड़ी कार को चोरी करने वाला वाहन चोर गैंग काफी हाईटेक था। चोर बड़ी ही आसानी से कार का शीशा तोड़कर कोडिंग मशीन से सॉफ्टवेयर के जरिए लॉक खोल लेते थे। उसके बाद कार लेकर फरार हो जाते थे। कार चुराने के लिए अलीगढ़ और दिल्ली के चोर बस …
बरेली, अमृत विचार। घरों के बाहर खड़ी कार को चोरी करने वाला वाहन चोर गैंग काफी हाईटेक था। चोर बड़ी ही आसानी से कार का शीशा तोड़कर कोडिंग मशीन से सॉफ्टवेयर के जरिए लॉक खोल लेते थे। उसके बाद कार लेकर फरार हो जाते थे। कार चुराने के लिए अलीगढ़ और दिल्ली के चोर बस से उझानी (बदायूं) आते थे और यहां से कार से बरेली आते थे।
फरीदपुर पुलिस ने सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की मदद से दो चोरों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से दो कार, कोडिंग मशीन, 22 चाबियां व अन्य उपकरण बरामद हुए हैं। दिल्ली और अलीगढ़ के चोर फरार हैं। एसटीएफ बरेली यूनिट प्रभारी और बरेली जिले से चोरी अन्य कारों को उन्होंने कहीं छिपाया है। फरार दोनों वाहन चोरों पर 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है।
पुलिस के मुताबिक 30 मई को बुखारा रोड फरीदपुर निवासी इमरान खान ने शिकायत की थी कि उनकी घर के बाहर खड़ी स्विफ्ट डिजायर कार चोरी हो गई है। इसी दिन प्रेम कुमार गुप्ता की भी घर के बाहर खड़ी ईको कार चोरी हो गई थी। शहर में भी बारादरी, इज्जतनगर व कैंट क्षेत्र में घर के बाहर खड़ी कई कारें चोरी हो गईं।
इसी दौरान एसटीएफ प्रभारी की भी कार इज्जतनगर थाना क्षेत्र से चोरी हो गई। इसके बाद पुलिस हरकत में आ गई। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस की टीमें भी लग गईं। सर्विलांस ने मोबाइल नंबरों की मौके की लोकेशन के आधार पर गोल्डन ग्रीन पार्क निवासी बलवंत सिंह को ट्रेस किया। पूछताछ में उसने कार चोरी की बात कबूल कर ली और उसने अपने साथियों में किला खेड़ा,उझानी निवासी प्रवेश वर्मा, जमा रोड अलीगढ़ निवासी शेरू और गीता कालोनी दिल्ली निवासी मोनू उर्फ हेमंत के बारे में बताया। पुलिस ने प्रवेश को भी गिरफ्तार कर लिया लेकिन शेरू और मोनू अभी तक गिरफ्त में नहीं आए हैं।
चाइनीज मशीन से तोड़ते थे लॉक
पुलिस पूछताछ में बलवंत ने बताया कि वह कार बाजार में अपनी कार से खड़ा होकर गाड़ियों की लॉक खोलने और चाबियां बनाने का काम करता था। उसके पास चाइनीज कंपनी की कार कोडिंग मशीन है, जिसे उसने ऑनलाइन मंगाया था। उसे 2015-16 तक मॉडल की गाड़ियों की कोडिंग आती है। नई गाड़ियों की कोडिंग उसे नहीं आती है। उससे प्रवेश ने संपर्क किया था। जिसके बाद से वह गाड़ियां चोरी करते थे। उसने बताया कि शेरू और मोनू बस से उझानी पहुंचते थे।
बरेली से वह भी उझानी जाता था। वहां से प्रवेश की कार से सभी आते थे। शेरू और मोनू घर के बाहर खड़ी कार का शीशा तोड़ देते थे। उसके बाद सेंशर की वायर निकाल देते थे, ताकि आवाज न आए। उसके बाद वह कोडिंग मशीन से लॉक तोड़कर चाबी बना लेता था और कार लेकर फरार हो जाते थे।
10 हजार रुपए मिलते थे लॉक खोलने के
वाहन चोरों ने 29 मई की रात में फरीदपुर से दो और कैंट से एक कार चोरी की थी। इसी तरह से 17 मई को भी तीन कार और 3 मई की रात में दो कार चोरी की थीं। एक कार चोरी करने के बाद रास्ते में दूसरी कार खड़ी मिल जाती थी, तो उसे भी चुरा लेते थे। सभी बदायूं रोड से उझानी जाते थे और फिर वहां से शेरू और मोनू कार लेकर चले जाते थे। उन्हें उनका हिस्सा मिल जाता था।
बलवंत के मुताबिक उसे लॉक खोलने के 10 हजार रुपए दिए जाते थे। शेरू पहले दिल्ली में पकड़ा गया था। उसके बाद से 18 कार बरामद हुई थीं। उनके पास से एक कार बरामद हुई है, वह दिल्ली से चोरी बतायी जा रही है।