बरेली: कोरोना काल में फरिश्ता बने एंबुलेंस कर्मी, 30 गर्भवतियों का कराया प्रसव

बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में जब एक तरफ आपदा में अवसर खोजते हुए एंबुलेंस व निजी अस्पतालों में मरीजों की जेबें खाली कराने के एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं, वहीं, स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस स्टाफ ने गर्भवती महिलाओं की मदद कर मिसाल कायम की है जिनकी जिंदगी मुश्किल में …
बरेली, अमृत विचार। कोरोना काल में जब एक तरफ आपदा में अवसर खोजते हुए एंबुलेंस व निजी अस्पतालों में मरीजों की जेबें खाली कराने के एक के बाद एक नए मामले सामने आ रहे हैं, वहीं, स्वास्थ्य विभाग के एंबुलेंस स्टाफ ने गर्भवती महिलाओं की मदद कर मिसाल कायम की है जिनकी जिंदगी मुश्किल में पड़ गई थी।
ऐसा एक मामला मंगलीराम और उसकी पत्नी का है। अस्पतालों में कोरोना का खतरा देखते हुए फरीदपुर के रहने वाले मंगली राम अपनी पत्नी अंगूरी का प्रसव घर पर ही कराना चाह रहे थे लेकिन अचानक साक्षी की हालत बिगड़ी तो एंबुलेंस बुलानी पड़ी। एंबुलेंस अस्पताल पहुंचती इससे पहले ही अंगूरी की हालत नाजुक हो गई।
स्थिति को गंभीर देखते हुए एंबुलेंस में तैनात इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन ने गाड़ी रास्ते में ही खड़ा कर आशा की मदद से एंबुलेंस में ही अंगूरी का सकुलशल प्रसव करा दिया। मेडिकल टेक्नीशियन की त्वरित निर्णय का परिणाम रहा कि अंगूरी ने स्वस्थ बेटे को जन्म दिया और खुद उसकी भी जान बच गई। मंगली राम का परिवार एंबुलेंस स्टाफ का मुरीद हो गया।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की बात करें तो इसके मुताबिक पिछले चार महीनों मे 30 से अधिक गर्भवती महिलाओं का प्रसव एंबुलेंस में हुआ है। जिले के ग्रामीण इलाकों से अस्पताल ले जायी जा रही इन महिलाओं में से कई की हालत पहले से नाजुक थी और कितनों की हालत रास्ते में ही नाजुक हो गई थी। एंबुलेंस के प्रशिक्षित स्टाफ ने आशाओं के सहयोग से एंबुलेंस में ही उनका प्रसव कराने का जोखिम लिया और उनकी जान बचाने में कामयाब भी रहा।
शासन से मिली थी सराहना, प्रदेश के टॉप 5 में बरेली का एंबुलेंस स्टाफ
शासन ने समय-समय पर उन जिलों की रैंकिंग जारी की है जहां कोरोना के दौर में संक्रमण की आशंका के बावजूद एंबुलेंस पर तैनात स्टाफ ने स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में बढ़-चढ़कर सहयोग किया। इस रिपोर्ट में बरेली को टॉप पांच में जगह मिली है। बता दें कि कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने या कोरोना से मरने वालों को श्मशान भूमि ले जाने में दर्जन भर से ज्यादा एंबुलेंसकर्मी संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से ज्यादातर स्वस्थ होने के बाद फिर ड्यूटी पर लौट चुके हैं।
गर्भवती महिलाओं को रास्ते में समस्या होने पर तत्काल इमरजेंसी मेडिकल सुविधा मुहैया कराने की परिकल्पना एंबुलेंस स्टाफ सच साबित कर रहा है। संक्रमण काल में भी लोग इमरजेंसी में 102 और 108 एंबुलेंस सेवा का लाभ लें। -डा. एसके गर्ग, मुख्य चिकित्सा अधिकारी
कोरोना काल में एंबुलेंस स्टाफ ने जान को जोखिम में डालकर जिदंगी बचाने का काम किया। सभी एंबुलेंसकर्मी साथियों के लिए किसी की जिदंगी बचाने से बढ़ा कोई उपहार नहीं। -अनिल गंगवार, जिला अध्यक्ष, जीवनदायिनी एंबुलेंस एसोसिएशन, बरेली
कोरोना संक्रमण में 108,102 एंबुलेंस ने एक कदम आगे आकर संक्रमितों के साथ-साथ अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को भी सहायता प्रदान की है। एंबुलेंस कर्मियों को मदद करके गौरवान्वित महसूस होता है। -रामप्रकाश मौर्य, जिला समन्वयक, 108,102 एंबुलेंस