हल्द्वानी: पुलिस आरक्षियों के ग्रेड पे में कटौती पर हो पुनर्विचार

हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड पुलिस के आरक्षियों के वेतनमान में कटौती पर लगातार विरोध के स्वर उठ रहे हैं। अब विधानसभा अध्यक्ष भी आरक्षियों के समर्थन में आगे आए हैं। उन्होंने सरकार से इस संबंध में सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर उत्तराखंड …
हल्द्वानी, अमृत विचार। उत्तराखंड पुलिस के आरक्षियों के वेतनमान में कटौती पर लगातार विरोध के स्वर उठ रहे हैं। अब विधानसभा अध्यक्ष भी आरक्षियों के समर्थन में आगे आए हैं। उन्होंने सरकार से इस संबंध में सहानुभूतिपूर्वक पुनर्विचार करने का आग्रह किया है।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर उत्तराखंड पुलिस में वर्ष 2001 व 2002 के आरक्षियों के वेतन विसंगति के संबंध में ध्यान आकृष्ट किया है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण के समय आरक्षी फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम कर रहे हैं। इस निर्णय से पुलिस कार्मिकों के मनोबल पर बुरा प्रभाव हो रहा है। उन्होंने कहा कि पुलिस बल एक अनुशासित बल है। उनके द्वारा अन्य राज्य कार्मिकों की भांति अपनी पीड़ा सार्वजनिक रूप से प्रकट नहीं की जा सकती है। विस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि पुलिस कार्मिकों को 20 वर्ष की सेवा के बाद 4600 ग्रेड पे देने पर पुनर्विचार किया जाए।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों आरक्षियों के वेतनमान में कटौती संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। पहले 20 साल की संतोषजनक सेवा पर आरक्षी को उप निरीक्षक के बराबर 4600 रुपये का ग्रेड पे यानी वेतनमान दिया जाता था। जबकि, 30 साल की सेवा पर यह बढ़ाकर निरीक्षक रैंक के बराबर 4800 रुपये कर दिया जाता है। लेकिन नए आदेश के अनुसार आरक्षियों को 20 साल की संतोषजनक सेवा पर 2800 रुपये ग्रेड पे दिया जाना तय किया है।