बरेली: सांसों की टूटती डोर, जिम्मेदार कौन? आक्सीजन की किल्लत से बच्ची तो बेड न मिलने से महिला की मौत

बरेली: सांसों की टूटती डोर, जिम्मेदार कौन? आक्सीजन की किल्लत से बच्ची तो बेड न मिलने से महिला की मौत

अमृत विचार, बरेली। कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या और मृतकों के आंकड़ों के बीच अब स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं पटरी से उतरती जा रही हैं। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी स्वास्थ्यकर्मियों, चिकित्सकों की कमी का रोना भी रो रहे हैं, तो वहीं आम आदमी अपने संक्रमित मरीज की मौत तक उसे इधर से उधर उपचार के …

अमृत विचार, बरेली। कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या और मृतकों के आंकड़ों के बीच अब स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं पटरी से उतरती जा रही हैं। हालांकि जिम्मेदार अधिकारी स्वास्थ्यकर्मियों, चिकित्सकों की कमी का रोना भी रो रहे हैं, तो वहीं आम आदमी अपने संक्रमित मरीज की मौत तक उसे इधर से उधर उपचार के लिए लिए फिर रहे हैं। शनिवार को 300 बेड कोविड अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से बच्ची की मौत हो गई तो बेड न मिलने से महिला की मौत हो गई।

फूटा दरवाजा निवासी सोहेल ने 300 बेड कोविड अस्पताल के प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सोहेल के मुताबिक उसकी 11 वर्षीय बेटी को गुरूवार को तबियत खराब होने पर 300 बेड कोविड अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां उसका उपचार चल रहा था। बताया कि शनिवार की सुबह ऑक्सीजन बंद हो गई, जिससे बच्ची को सांस लेने में दिक्कत होने लगी। उसका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरते जा रहा था वह 40 तक जा पहुंचा था।

कहा कि बच्ची की हालत को देखते हुए वहां मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने भी नहीं सुनी। उन्होंने आरोप लगाया कि 15 मिनट तक वह इधर से उधर भागते रहे और उधर बच्ची की ऑक्सीजन की कमी से तड़प तड़प कर मौत हो गई। इतना ही नहीं बल्कि बच्ची के शव को कोरोना नियमों के विरूद्ध बिना सील पैक कर ही सौंप दिया।

जिलाधिकारी भी न करा सके भर्ती
वहीं डेलापीर निवासी नशरीम (50) की शनिवार सुबह तबियत खराब होने पर परिजन उन्हें 300 बेड कोविड अस्पताल लाए। परिजनों के मुताबिक उनका ऑक्सीजन लेवल लगातार गिर रहा था। लेकिन अस्पताल में न ऑक्सीजन न होने की बात कहकर लौटा दिया गया। इसके बाद पीड़ितों ने जिलाधिकारी से फोन कर मदद मांगी तो वहां से आश्वासन मिला कुछ देर में रिस्पांस मिलेगा। पीड़ित परिजनों के मुताबिक कुछ देर बाद ही कोविड कंट्रोल रूम से फोन पहुंचा तो कहा गया कि बेड की व्यवस्था कराने में समय लगेगा, जब होगा तब बता दिया जाएगा। इस पर परिजन महिला को घर ले गए, जहां महिला की घर पर ही मौत हो गई।

अस्पताल में न तो ऑक्सीजन की कमी है न ही बेडों की कमी है। नॉन कोविड मरीजों को भी भर्ती किया जा रहा है। जबकि अस्पताल के पास अभी 40 सिलेंडर ऑक्सीजन के भरे हुए रखे हैं, तो ऐसे में ऑक्सीजन न दिए जाने की बात समझ में नहीं आती। न ही इस तरह की कोई शिकायत ही आई है। -डा.वागीश वैश्य, प्रभारी सीएमएस 300 बेड कोविड

ताजा समाचार

कानपुर में प्लाट और घर की रजिस्ट्री का झांसा देकर कारोबारी सहित तीन लोगों को ठगा: वापस मांगने पर जान से मारने की दी धमकी
मतदान संबंधी वीवीपैट पर्चियों की हाथ से शत-प्रतिशत गिनती की याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज
'यूपी पुलिस को मिलना चाहिए सबक, इन्वेस्टिगेंटिंग ऑफिसर पर क्रिमिनिल केस बनाओ...', भड़के CJI, दी चेतावनी
मुंबई से वाराणसी जा रहे विमान में महिला की मौत की मौत, चिकलठाणा एयरपोर्ट पर कराई गई आपात लैंडिंग
IPL 2025 : सुपर किंग्स को मिलेगी PBKS से कड़ी चुनौती, MS Dhoni की मौजूदगी से प्रभावित हो रहा संतुलन
मनमानी पर उतरे निजी स्कूल, आतिशी ने दिया सीएम रेखा गुप्ता को चैलेंज, कहा- सीएजी से स्कूलों का ऑडिट कराएं