छात्रों का तनाव भगाएंगे, आत्महत्या से बचाएंगे मनोवैज्ञानिक
बरेली, अमृत विचार। अक्सर छात्र परीक्षा में कम अंक आने की वजह से सुसाइड कर लेते हैं। कई अन्य वजह से छात्र परेशान होकर अवसाद में चले जाते हैं। छात्रों को अवसाद में जाने और सुसाइड जैसे घातक कदम उठाने से रोकने के लिए विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में एक-एक काउंसलर की नियुक्त की जाएगी। उच्च …
बरेली, अमृत विचार। अक्सर छात्र परीक्षा में कम अंक आने की वजह से सुसाइड कर लेते हैं। कई अन्य वजह से छात्र परेशान होकर अवसाद में चले जाते हैं। छात्रों को अवसाद में जाने और सुसाइड जैसे घातक कदम उठाने से रोकने के लिए विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में एक-एक काउंसलर की नियुक्त की जाएगी। उच्च शिक्षा निदेशालय से निर्देश जारी होने के बाद एमेजपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने भी परिसर व सभी महाविद्यालयों में काउंसलर नियुक्त करने की तैयारी शुरू कर दी है।
यूजीसी ने सभी शिक्षण संस्थानों में स्टूडेंट काउंसलिंग सिस्टम विकसित करने का पत्र 6 साल पहले 16 अप्रैल 2015 को जारी किया था लेकिन इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 8 मार्च 2018 को भी एक सकुर्लर जारी किया लेकिन फिर एक बार इसे ठंडे बस्त में डाल दिया गया। एलबिन एल्डहोस ने इस मामले में 8 दिसंबर 2020 को राजभवन को एक मेल किया।
उन्होंने मेल में यूजीसी के दोनों सर्कुलर भी अटैच कर दिए। राजभवन से इस संबंध में शासन को निर्देश दिए गए। शासन ने उच्च शिक्षा निदेशालय को कार्रवाई के लिए कहा। अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों को जल्द से जल्द काउंसलर नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं। महाविद्यालयों में नियुक्त काउंसलर समय-समय पर छात्र-छात्राओं की समीक्षा करेंगे।
काउंसलर देखेंगे कि छात्र को किसी तरह की पढ़ाई, आर्थिक व पारिवारिक दिक्कत तो नहीं है। उसके व्यवहार में कोई बदलाव तो नहीं है। उसके बाद उसे काउंसलिंग देंगे ताकि वह आत्हत्या न करे। बरेली जिले की बात करें तो यहां भी कई छात्र रिजल्ट आने पर सुसाइड कर लेते हैं। बरेली रेंज की बात करें तो वर्ष 2020 में 411 लोगों ने सुसाइड किया जिसमें कई छात्र थे।
इन छात्रों ने की थी आत्महत्या
-कोतवाली में एमसीए के छात्र ने आर्थिक तंगी की वजह से सुसाइड कर लिया था। वह रिसेप्शनिस्ट का काम भी करता था।
-सुभाषनगर में एक छात्र ने परीक्षा छूटने पर गोली मारकर जान दे दी थी। उसके पिता ने डांट दिया था।
-कोतवाली में एक छात्र ने फांसी लगाकर जान दी थी। उसकी आदतों की वजह से लोग उससे नफरत करते थे जिससे वह परेशान था।
क्या कहते हैं मनोवैज्ञानिक
बरेली कॉलेज की मनोवैज्ञानिक सुविधा शर्मा का कहना है कि छात्र दूरगामी परिणामों के बारे में नहीं सोचते हैं। वे छोटी-छोटी बातों से परेशान होकर आत्मघाती कदम उठा लेते हैं। कई छात्र अवसाद के शिकार होते हैं लेकिन उनके घरवाले इस बारे में समझ नहीं पाते हैं। शिक्षण संस्थानों में जाने वाले छात्रों का शिक्षकों से नाता रहता है। शिक्षक प्रत्येक छात्र के व्यवहार को समझते हैं। महाविद्यालयों में काउंसलर नियुक्त होने से परेशान छात्रों की काउंसलिंग हो जाएगी तो उन्हें आत्महत्या जैसे कदम उठाने से रोका जा सकता है।