संभल: सवाल सुनकर बदलते रहे सांसद बर्क के चेहरे के भाव, SIT ने सवालों को लेकर की थी पूरी तैयारी

संभल, अमृत विचार: संभल हिंसा मामले में सांसद जियाउर्रहमान बर्क से पूछताछ के लिए जहां एसआईटी ने सवालों की लंबी फेहरिस्त तैयार की थी वहीं सांसद जियाउर्रहमान बर्क भी पूरी तैयारी के साथ एसआईटी के सामने पहुंचे थे। तीन घंटे की लंबी पूछताछ के दौरान कई बार सांसद के चेहरे के भाव बदलते दिखाई दिये। कहा जा रहा है कि कुछ सवालों के जवाब सांसद ने तपाक से दिये तो कई सवालों ने उन्हें उलझाया भी।
24 नवंबर को संभल में हुई हिंसा को लेकर पुलिस द्वारा नामजद मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद सांसद जियाउर्रहमान बर्क एफआईआर निरस्त करने की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे थे। इलाहबाद हाईकोर्ट ने एफआईआर तो रद्द नहीं की लेकिन सांसद जियाउर्रहमान बर्क की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। मुकदमे की जांच आगे बढ़ी तो एसआईटी ने 26 मार्च को सांसद जिसयाउर्रहमान बर्क को 8 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया था।
मंगलवार को सुबह 11 बजे सांसद जियाउर्रहमान बर्क अपने दीपा सराय स्थित घर से निकले और नखासा थाने पर पूछताछ में शामिल होकर जांच टीम के सवालों का सामना करने के लिए पहुंच गये। 11-15 बजे सांसद से एसआईटी ने पूछताछ का सिलसिला शुरु किया। कहा जा रहा है कि सांसद से पूछा गया कि 24 नवंबर को जब हिंसा हुई तो वह कहा थे। इस पर सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बताया कि वह उस दिन बेंगलुरु में थे। उनके पास हवाई जहाज का टिकट, बोर्डिंग पास, मीटिंग की फुटेज सब कुछ है। सब लोग जानते हैं कि वह हिंसा के समय इतने किलोमीटर दूर बैठा हुए थे।
इसके बाद 23 नवंबर की रात को जामा मस्जिद सदर जफर अली से व्हाटसएप काल पर हुई बातचीत के बारे में पूछा कि क्या बात हुई थी। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सांसद से यह भी पूछा गया कि केवल उसी दिन व्हाटसएप काल की थी या हमेशा व्हाटसएप काल पर ही बात करते हैं। एसआईटी के सवालों का जवाब देने के लिए सांसद जियाउर्रहमान बर्क की तैयारी पूरी थी लेकिन एसआईटी ने कुछ ऐसे सवाल भी किये जिसकी उम्मीद सांसद बर्क को नहीं थी। ऐसे ही सवालों की वजह से उनके चेहरे के भाव कई बार बदलते नजर आये।
बीमार होने के बाद भी जांच में शामिल हुआ,करूंगा पूरा सहयोग: बर्क
संभल। सांसद जियाउर्रहमान बर्क मंगलवार को सुबह घर से निकले तब कहा कि मेरी तबीयत आज ठीक नहीं है। इसके बाद भी वह एसआईटी की पूछताछ में शामिल होने के लिए जा रहे हैं। वह कानून को मानने वाले हैं। वहीं दोपहर को पूछताछ समाप्त होने के बाद सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि यह सब उनकी जांच का हिस्सा था, जितनी देर पूछताछ करनी थी उन्होंने की।
मैंने कहा था कि मैं पूरा सहयोग करूंगा। माननीय उच्च न्यायालय का भी आदेश था। उन्होंने जितनी देर क्वेश्चन किया उतना मैंने सहयोग किया। बर्क ने कहा कि मुझे पूछताछ के लिए अगर और देर तक रोका जाता तो मैं रुक जाता। मैं उम्मीद करता हूं कि वह सारे सवाल पूरे कर चुके हैं। लेकिन जांच अभी पेंडिंग में है मुझे उम्मीद है कि दोबारा बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि मैं सारे सवालों का जवाब दे चुका हूं।
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