बदायूं: निजी स्कूलों ने बढ़ाई फीस, परिवारों पर बढ़ा आर्थिक बोझ

बदायूं, अमृत विचार: अप्रैल शुरू होते ही निजी स्कूलों के संचालकों ने मनमानी शुरू कर दी है। नए शैक्षिक सत्र में 25 से 35 प्रतिशत फीस में वृद्धि कर दी है। इससे अभिभावकों की जेब पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। फीस का नया स्लैब जारी कर अभिभावकों को थमाया जा रहा है। बढ़ी फीस को लेकर अभिभावक विरोध तो कर रहे हैं, लेकिन शिकायत करने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है।
एक अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया है। शहर में करीब 15 बड़े स्कूल हैं। इनमें पढ़ने वाले करीब 20 हजार बच्चों के घर फीस बढ़ोत्तरी से प्रभावित हुए हैं। स्कूल संचालकों ने ट्यूशन फीस के साथ ही विकास और वार्षिक फीस में भी वृद्धि की है।
इसका अभिभावक दबी जुबान से विरोध तो कर रहे हैं, लेकिन खुलकर अपनी बात कोई नहीं रख रहा है और न ही शिकायत अधिकारियों से की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि अगर कोई अभिभावक शिकायत करता है तो कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह हुई फीस की वृद्धि
निजी स्कूल संचालक शैक्षिक सत्र 2024-25 में नर्सरी कक्षा में 2500 रुपये फीस ले रहे थे। अब 1200 से लेकर 1500 रुपये तक की बढ़ोत्तरी कर दी है। वहीं कक्षा एक और दो में 3500 फीस गत शैक्षिक सत्र में ली जा रही थी। अब अभिभावकों से 4200 से 4500 रुपये तक जमा कराई जा रही है। कक्षा तीन से पांच तक 3800 के स्थान पर अब पांच हजार से 5200 रुपये जमा करने को कहा जा रहा है।
कक्षा आठ से 12 की कक्षाओं के बच्चों की छह हजार से लेकर सात हजार रुपये तक जमा कराई जा रही है। इसके अलावा स्कूलों द्वारा एडमीशन फीस जहां ढाई से आठ हजार तक ली जा रही थी, अब उनसे कक्षाओं के अनुसार पांच हजार से लेकर 15 हजार रुपये तक बढ़ा दी है।
साथ ही स्कूलों के द्वारा परीक्षा फीस भी बढ़ा दी है। गुजरे शैक्षिक सत्र में अभिभावकों से एक हजार से लेकर 1200 रुपये तक जमा कराए गए थे। अब उनसे दो हजार से लेकर ढाई हजार तक वसूले जाएंगे। यहां तक लैब का अतिरिक्त चार्ज अलग से वसूला जाएगा।
अभिभावकों ने बयां किया दर्द
मेरे दो बेटे निजी स्कूल में पढ़ रहे हैं। एक कक्षा तीन और दूसरा कक्षा छह में है। स्कूल ने इस सत्र में 20 फीसदी तक फीस में बढ़ोतरी की है। ऐसे में एक बेटों की सालाना फीस में 15 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। उनके ऊपर दोनों बेटों का 18 हजार रुपये अतिरिक्त भार भी पड़ेगा- नेहा सक्सेना, अभिभावक
मेरी बेटी दूसरी कक्षा में पढ़ती है। स्कूल की फीस में करीब 25 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में बेटी की फीस में करीब 12 हजार रुपये तक की बढ़ोत्तरी हुई है। फीस बढ़ने से परिवार को आर्थिक बोझ बढ़ गया है। इससे परिवार का बजट बिगड़ने लगा है- सुर्पणा सिंह, अभिभावक
स्कूलों के द्वारा 25 से 35 प्रतिशत फीस में वृद्धि की गई है। फीस वृद्धि से हर माह चार से पांच हजार रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। स्कूलों की मनमानी पर किसी भी स्तर से कार्रवाई नहीं होती। इसके चलते स्कूलों के द्वारा मनमानी की जाती है- मंजुला शर्मा, अभिभावक
मेरा बेटा कक्षा आठ में पढ़ता है। स्कूल द्वारा तीन माह की फीस जमा कराई जाती है। फीस जमा करने के लिए कहा जा रहा है। स्कूल के खिलाफ शिकायत करने का भी कोई लाभ नहीं होता। कार्रवाई नहीं होती। जिसके चलते स्कूल वाले बच्चों को परेशान करना शुरू कर देते हैं- काजल, अभिभावक
सीबीएसई बोर्ड के द्वारा किसी प्रकार की गाइडलाइन जारी हुई है। जिले में एक कोऑर्डिनेटर नामित कर रखा है। इस माध्यम से ही सभी सूचनाओं का आदान प्रदान होता है। फीस बढ़ोतरी या महंगी किताबों को लेकर अगर बोर्ड द्वारा किसी प्रकार का निर्देश दिया होता तो कार्रवाई अवश्य की जाती। अगर कोई अभिभावक शिकायत करता है तो उसकी जांच होती है- डॉ. प्रवेश कुमार, जिला विद्यालय निरीक्षक बदायूं
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