लखीमपुर खीरी: झाड़ियों में रोता मिला नवजात शिशु, मल्लाह ने बचाए प्राण और ले गया घर

लखीमपुर खीरी: झाड़ियों में रोता मिला नवजात शिशु, मल्लाह ने बचाए प्राण और ले गया घर

पलियाकलां, अमृत विचार। पलिया-भीरा मार्ग पर शारदा नदी पुल के आगे मोड़ पर किसी ने एक नवजात शिशु (लड़का) झाड़ियों में फेंक दिया था। मंगलवार की सुबह लोगों ने जब रोने की आवाज सुनी तो मौके पर पहुंचे और नवजात शिशु को देख हैरान रह गए। इसी बीच, मौके पर पहुंचे एक मल्लाह ने बच्चे को अपने साथ घर ले जाने का निर्णय लिया।  

कहते हैं, "जिसका कोई नहीं होता, उसका भगवान होता है," और वही भगवान किसी न किसी रूप में सभी की मदद करने पहुंच जाता है। ऐसा ही कुछ मंगलवार की सुबह शारदा पुल से आगे भीरा की ओर बढ़ने पर देखने को मिला। जब लोग मार्ग से गुजर रहे थे, तभी उनके कानों में झाड़ियों से किसी बच्चे के रोने की आवाज आई। इस पर लोग मौके पर पहुंचे और देखा कि एक नवजात शिशु (लड़का) झाड़ियों में पड़ा रो रहा था।  

नवजात शिशु की खबर पाकर तमाम लोग वहां इकट्ठा हो गए। इसी बीच शारदा नदी के तट पर स्थित मल्लाहों के गांव श्रीनगर (पलिया कलां) निवासी रविंद्र पुत्र सीताराम मल्लाह भी वहां पहुंच गया। उसने बच्चे को गोद में उठाकर हृदय से लगाया और अपने साथ घर ले गया।

रविंद्र ने बताया कि उसकी एक बहन है, जिसके कोई बच्चे नहीं हैं। वह इसे लेकर जब अपनी बहन के पास जाएगा, तो वह बहुत खुश हो जाएगी। इसके बाद रविंद्र ने बच्चे को नारियल सहित उठाकर अपने घर ले गया, जिसे देख उसकी पत्नी और बहन अत्यंत खुश हो गए।

ये भी पढ़ें- लखीमपुर खीरी: ग्राम प्रधान समेत तीन के खिलाफ कार्रवाई, एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज

ताजा समाचार

IPL 2025 : दिल्ली कैपिटल्स के गेंदबाजी कोच मुनाफ पटेल पर लगा मैच फीस का 25 प्रतिशत जुर्माना 
Kanpur: सोना नए शिखर पर, लखटकिया बनने चला, मांगलिक आयोजनों के लिए बुकिंग तेज, चांदी भी कर रही कदमताल
वक्फ कानून पर सर्वोच्च न्यायालय का बड़ा फैसला, 7 दिनों के लिए सरकार को दिया समय, जानें क्या कहा?
Kanpur: प्रदेश में पहले स्थान पर रहा राजकीय पॉलीटेक्निक; राज्य के 147 पॉलीटेक्निक को 84.78 फीसदी अंकों के साथ किया पीछे
Moradabad : पूर्व सांसद गिरीश चंद की बसपा में हुई वापसी, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर
बाल विवाह के खिलाफ कड़ा एक्शन, बदायूं में रुकवाया गया नाबालिग का निकाह