जरनैल बना सतपाल, सजायाफ्ता कैदी से मजदूर, बच नहीं पाया

जरनैल बना सतपाल, सजायाफ्ता कैदी से मजदूर, बच नहीं पाया

देहरादून, अमृत विचार: सेंट्रल जेल सितारगंज में उम्रकैद काट रहा हत्यारा जरनैल सुनियोजित योजना बनाकर जेल से फरार हो गया। खुले में सांस ले रहे जरनैल ने करीब डेढ़ साल में तमाम खुराफातें कीं। पकड़े जाने से बचने के लिए नाम, पहचान और हुलिया बदला। फर्जी आधार कार्ड बनवाया, जोधपुर में मजदूर बनकर दिन काटे लेकिन बच नहीं पाया। सुरक्षा एजेंसियां इतनी हाईटेक हो चुकी हैं कि जरनैल का असली चेहरा सामने आ गया और एसटीएफ की कुमाऊं यूनिट ने उसे राजस्थान के फलोदी जिले से दबोचकर उन्हीं सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

यह था मामला
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के एसएसपी नवनीत सिंह भुल्लर के अनुसार, गांव बिचई नानकमत्ता, ऊधमसिंह नगर निवासी जरनैल सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर 14 अगस्त 1995 को नानकमत्ता क्षेत्र में मक्खन सिंह की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। इस मुकदमें में जरनैल को न्यायालय द्वारा आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी और वह सितारगंज जेल में सजा काट रहा था। 27 अगस्त 2023 को वह जेल से फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। 

जरनैल के गिरेबां तक ऐसे पहुंचे हाथ
एसएसपी के अनुसार, जरनैल के फिंगर प्रिन्ट, आवाज का सैंपल और अन्य दस्तावेजो का बारीकी से विश्लेषण कर नए तथ्य जुटाए गए। जरनैल के पंजाब और राजस्थान में छिपे होने का अंदेशा होने पर इन तथ्यों के डिजिटल और भौतिक सत्यापन हेतु टीम को पंजाब व राजस्थान भेजा गया। टीम ने राजस्थान में जरनैल से मिलते-झुलते एक एक संदिग्ध व्यक्ति को चिन्हित किया, जिसके पास सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह निवासी बार्डर 24 डबलीराठान, हनुमानगढ़ राजस्थान का आधार पहचान पत्र था। एसटीएफ ने जब इस कथित सतपाल के चेहरे के मिलान के लिए विभिन्न साफ्टवेयर का प्रयोग किया और जरनैल का चेहरा सामने आ गया और जरनैल को गिरफ्तार कर लिया गया। 

जरनैल की कहानी उसी की जुबानी
गिरफ्तार जरनैल सिंह ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि 27 अगस्त 2023 को मैं सितारगंज जेल से फरार होने के बाद पंजाब में फाजिल्का सिटी पहुंचा था, जहां मेरा परिवार रहता है। परिजनों से मिलकर मैं राजस्थान में जोधपुर के पास देचू थाना क्षेत्र में सम्पत नाम के व्यक्ति के घर में रहकर उसके साथ मजदूरी करने लगा था। यहीं से मैंने सतपाल सिंह पुत्र गुरचरण सिंह के नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवा लिया था।

टीम वर्क से मिली सफलता
जरनैल को गिरफ्तार करने वाली टीम में कुमाऊं एसटीएफ के उपाधीक्षक आरबी चमोला, निरीक्षक एमपी सिंह, एसआई केजी मठपाल, हेड कांस्टेबल किशोर कुमार, सुरेंद्र कनवाल, कांस्टेबल मोहित वर्मा, ओपी कृष्ण चंद्र शर्मा (सर्विलांस) थाना सितारगंज से एसआई दीपक कौशिक, कांस्टेबल अमित जोशी और राजेन्द्र गोस्वामी शामिल रहे।

 

 

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