बरेली: अब खून से लाल नहीं होगी कोई विवादित जमीन, जानिए प्रशासन ने क्या कदम उठाया
जिन जमीनों के कई-कई दावेदार, जिलाधिकारी ने शुरू कराया उन्हीं सूचीबद्ध कराने का काम
बरेली, अमृत विचार। जमीनों के झगड़ों में खूनखराबे और फर्जीवाड़े के बढ़ते मामलों को लेकर प्रशासन सजग हो गया है। तहसीलवार ऐसी जमीनों को सूचीबद्ध किया जा रहा है, जिनके कई दावेदार हैं। जिलाधिकारी के निर्देश पर सभी एसडीएम अपनी निगरानी में यह सूची तैयार करा रहे हैं।
जमीनों के झगड़ों में कुछ ही साल में जिले में तमाम गंभीर वारदातें हुई हैं। फर्जीवाड़ा कर जमीनों को बेचकर लोगों को ठगने के मामले भी बढ़े हैं। इसी के मद्देनजर जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने सभी एसडीएम को उन जमीनों की सूची तैयार कराने को कहा है जिन पर कई लोगों ने दावा ठोंक रखा है। इसके बाद सभी एसडीएम ने अपनी-अपनी तहसील में ऐसे मामलों को सूचीबद्ध कराना शुरू कर दिया है।
डीएम ने यह सूची 13 जनवरी तक मांगी है। इस छानबीन में सदर तहसील में अब तक दो मामले सामने आए हैं। अधिकारियों के मुताबिक तहसीलवार रिपोर्ट मिलने के बाद ऐसी जमीनें प्रशासन की निगरानी में रहेंगी ताकि उन पर कब्जे को लेकर कोई विवाद या फर्जीवाड़ा न हो।
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सिविल न्यायालयों में लगातार बढ़ रहे हैं केस
जिले में ऐसे तमाम केस सामने आए हैं जिनमें किसी फर्जी व्यक्ति को जमीन का मालिक बताकर या कागजों में जालसाजी कर बैनामे करा दिए गए। प्रशासन के स्तर पर ऐसे मामलों का निपटारा न हो पाने की वजह से वे सिविल कोर्ट में चले जाते हैं। हाल ही में सिविल कोर्ट में ऐसे मामलों की संख्या काफी बढ़ी है। बैनामों के बाद दाखिल खारिज में देरी होने से भी इस तरह के फर्जीवाड़े और कब्जों की कोशिश होती है। कुछ समय पहले ही पीलीभीत रोड पर करोड़ों कीमत के एक प्लॉट पर कब्जे के लिए दिनदहाड़े भारी गोलीबारी हुई थी।
एसडीएम सदर गोविंद मौर्य ने बताया कि जमीनों के मामले में पहला बैनामा और आखिरी वसीयत ही मान्य होती है। एक जमीन पर एक से ज्यादा बैनामे कराकर फर्जीवाड़े किए जाते हैं। ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है। जिलाधिकारी ने इनकी सूची मांगी है। इस पर खोजबीन की जा रही है।