बरेली: नेपाल सीमा वाले इलाकों में सख्त पहरा, खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने के बाद जोन में अलर्ट

एडीजी जोन ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को सतर्कता बरतने के दिए निर्देश

बरेली: नेपाल सीमा वाले इलाकों में सख्त पहरा, खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने के बाद जोन में अलर्ट

बरेली, अमृत विचार। पीलीभीत में तीन खालिस्तानी आतंकियों के मारे जाने के बाद एडीजी रमित शर्मा ने जोन में अलर्ट जारी किया। उन्होंने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। पुलिस संदिग्ध लोगों पर नजर रख रही है।

खालिस्तान कमांडो फोर्स के तीन आतंकियों के मारे जाने के बाद पीलीभीत पहुंचे एडीजी रमित शर्मा ने जोन के सभी कप्तानों को अलर्ट जारी करने के निर्देश जारी किए। उन्होंने विशेषकर नेपाल से जुड़े सीमा वाले क्षेत्रों में ज्यादा सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि यहीं से आतंकी गतिविधियां शुरू होने की आशंका ज्यादा रहती है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए हैं कि पीलीभीत सीमा पर पुलिस कड़ी चौकसी बरते।
बरेली में पहले भी पकड़े जा चुके आतंकी

बरेली में जैश-ए मोहम्मद के जासूस पकड़े जा चुके हैं। आतंकी साहित्य और प्रचार प्रसार करने के आरोपियों को भी एटीएस ने बरेली से उठाया था। 2015 में मेरठ से गिरफ्तार हुआ पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का एजेंट परवेज उर्फ एजाज लंबे समय तक बरेली के प्रेमनगर इलाके के शाहबाद मोहल्ले में रहा था और उसने यहां पर वीडियो ग्राफी का काम कर सेना के कई महत्वपूर्ण ठिकानों की रेकी की थी। बेंगलुरू में हुए विस्फोट में शीशगढ़ के जाफरपुर के रहने वाले इरफान बंजारा का नाम सामने आया था और वह कर्नाटक से गिरफ्तार हुआ था। रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले का एक आरोपी बहेड़ी का रहने वाला है, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया था और वह जेल में बंद हैं। इसके साथ ही बहेड़ी के जोखनपुर का रहने वाला अब्दुल खालिद का नाम कानपुर ब्लास्ट में आया था। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से गिरफ्तार हुए आईएसआई एजेंट रमेश सिंह ने बरेली की भी रेकी की थी। गिरफ्तारी के बाद एटीएस उसे बरेली लेकर भी आई थी।

रामपुर और पीलीभीत में हो चुके हैं आतंकी हमले
रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर 31 दिसंबर 2007 के रात 2.30 बजे आतंकियों ने हमला किया था। इसमें सात जवान शहीद हो गए थे। एक जनवरी 2008 को नए साल के जश्न के दिन पूरा देश शोक में डूब गया था। इस हमले के 12 साल बाद 2 नवंबर 2019 को रामपुर की अदालत ने हमले के दोषियों को सजा सुनाई थी। जिसमें दो पाकिस्तानी आतंकियों समेत चार को फांसी, एक को उम्र कैद, एक को दस वर्ष का कारावास दिया था।

खालिस्तानी आतंकियों ने किया था नरसंहार
वर्ष 1988-89 में मैलानी-भीरा के मध्य राजनारायणपुर रेलवे क्रॉसिंग के पास दुग्ध वाहन को रोककर एक दर्जन लोगों की खालिस्तान आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी। इस नरसंहार को खालिस्तानी आतंकवादियों के मेजर गुट ने अंजाम दिया था। 1992 में पीलीभीत में खालिस्तानी आतंकियों जंगल में कटरुआ बीनने गए 29 लोगों की गोलियां बरसाकर हत्या कर दी थी। वहीं 26 नवंबर 1995, 26 अक्तूबर 1997 और 28 मार्च 1998 को भीखमपुर-मैलानी के बीच रेलवे ट्रैक काट कर नैनीताल एक्सप्रेस ट्रेन को पलटने की साजिश के पीछे भी खालिस्तान उग्रवादियों का हाथ होने की बात सामने आई थी।

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