छात्रों के हित में
यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि बीते दिनों राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने अगले शैक्षणिक वर्ष के लिए कक्षा नौ से 12 वीं तक की पाठ्य पुस्तकों की कीमत में 20 प्रतिशत की जो कटौती की है, यह छात्रों के हित में साबित होगी है। ऐसा पहली बार हुआ है कि जब पाठ्य पुस्तकों की कीमतें घटाई गईं हैं।
एनसीईआरटी के मुताबिक इस बार कागजों की खरीद काफी किफायती दामों में हुई है। साथ ही प्रिटिंग प्रेस की तकनीक में भी सुधार हुआ है। उसने इसका लाभ छात्रों को देने का फैसला किया है। हाल ही में संस्था ने अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ साझेदारी भी की है, जिससे न केवल देशभर में इन पाठ्य पुस्तकों की पहुंच आसान हो गई है, बल्कि छात्रों को ये पुस्तकें समय पर और प्रिंट रेट पर उपलब्ध भी हो रही हैं।
उल्लेखनीय है कि एनसीईआरटी हर वर्ष लगभग चार-पांच करोड़ पुस्तकें छापती रही है। पुस्तकों की बढ़ती मांग को देखते हुए इसने अब सालाना 15 करोड़ पुस्तकें छापने का फैसला किया है। साथ ही वह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) के तहत नई पाठ्य पुस्तकें तैयार करने में भी जुटी है। आगामी शैक्षणिक वर्ष में एनसीईआरटी चौथी, पांचवीं, सातवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए नई पाठ्य पुस्तकें ला रही है, जबकि नवीं, दसवीं, ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा की नई पाठ्य पुस्तकें उसके अगले वर्ष आने वाली हैं।
गौरतलब है कि छात्रों के बीच एनसीईआरटी की पुस्तकों की काफी मांग रहती है और सीबीएसई बोर्ड के स्कूलों में नवीं से 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए एनसीईआरटी की किताबें अनिवार्य हैं। ऐसे में किताबों की कीमत घटने से अनेक छात्रों को इसका लाभ मिलने की उम्मीद है। वैसे भी पाठ्यक्रम केंद्रित होने, पाठ्यक्रम में जल्दी बदलाव न किए जाने और दूसरे प्रकाशनों की तुलना में सस्ती होने के कारण छात्रों के बीच एनसीईआरटी की पुस्तकें लोकप्रिय तो हैं ही, इन पुस्तकों की स्तरीयता के कारण सिविल सेवा सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी इनकी मांग रहती है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री के मुताबिक बीते दस सालों में देश में प्रति छात्र होने वाले खर्च में 130 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 में प्रति छात्र पर खर्च 10,780 रुपये था, जो 2021-22 में बढ़कर 25,043 रुपये हो गया। इस दौरान नामांकन, पास होने की संख्या, नए स्कूल और उच्च शिक्षा संस्थानों की संख्या भी बढ़ी है। बड़ी संख्या में स्कूल बिजली और इंटरनेट से लैस हुए हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि शिक्षा क्षेत्र में आ रहे ये बदलाव और एनसीईआरटी का यह कदम छात्रों के भविष्य को एक नई गति प्रदान करेगा।