श्रम विभाग ने इस साल राज्यभर में 64 बाल और किशोर श्रमिकों को कराया श्रम से मुक्त

देहरादून में मिले सर्वाधिक 49 बाल और किशोर श्रमिक, नैनीताल में मुक्त कराए दो बाल श्रमिक

श्रम विभाग ने इस साल राज्यभर में 64 बाल और किशोर श्रमिकों को कराया श्रम से मुक्त

रजनी मेहता, हल्द्वानी। श्रम विभाग ने 2024-25 में नवंबर माह तक प्रदेशभर में 36 बाल मजदूरों को चिन्हित कर उन्हें बाल मजदूरी से मुक्त कराया है। साथ ही 13 किशोर श्रमिकों को चिन्हित किया है। विभाग के अनुसार समय-समय पर बाल श्रम उन्मूलन और रैस्क्यू टीम की ओर से अभियान चलाकर बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया जाता है। इसके तहत कुल 64 बाल और किशोर श्रमिक इस वर्ष में अब तक श्रम से मुक्त कराए गए हैं। इनमें देहरादून में सबसे अधिक बाल श्रमिक चिन्हित किए गए हैं। यहां कुल 49 बाल और किशोर श्रमिक चिन्हित किए गए हैं। 


  श्रम विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार साल 2023-24 में देहरादून में 36 बाल श्रमिक तथा 13 किशोर श्रमिक मिले हैं, जिन्हें श्रम से मुक्त कराया गया है। इसके साथ ही हरिद्वार में भी छह बाल मजदूरों को मुक्त कराया गया है। यहां छह किशोर श्रमिकों को भी श्रम से मुक्त कराया गया है। नैनीताल जनपद में दो बाल श्रमिकों को मुक्त कराया गया है, जबकि पांच किशोर श्रमिकों को चिन्हित कर श्रम से मुक्त किया गया। वहीं उधमसिंह नगर में सात बाल श्रमिक मुक्त कराए गए हैं। श्रम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक विभाग द्वारा चिन्हित बाल श्रमिकों को मुक्त करते हुए कुछ संस्थानों के खिलाफ मुकदमे की कार्रवाई की गई है। साथ ही सीडब्ल्यूसी के माध्यम से मुक्त कराए गए बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उनको समाज की मुख्य धारा से जोड़ने का काम किया गया है। 


बाल श्रम रोकने के लिए समय-समय पर विभाग द्वारा छापेमारी अभियान चलाकर बाल श्रमिकों को चिन्हित किया जाता है। उपश्रमायुक्त उत्तराखंड उमेश चंद्र राय कार्यालय श्रमायुक्त हल्द्वानी के अनुसार ऐसे बच्चों को शिक्षा और समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सीडब्ल्यूसी के माध्यम से काउंसलिंग कराई जाती है। 


विभाग को नौ जिलों में नहीं मिले बाल किशोर श्रमिक  

टिहरी, उत्तरकाशी, पौड़ी गढ़वाल, रुद्रप्रयाग, चमोली, अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत और पिथौरागढ़ जिलों में विभाग की टीम के अभियान चलाने पर भी बाल और किशोर श्रमिक चिन्हित नहीं हुए हैं।