Bareilly: PWD के बाबू का कारनामा...फर्जी दस्तावेज के जरिए 12 साल करता रहा नौकरी, अब पड़ गए लेने के देने
बरेली, अमृत विचार: फर्जी दस्तावेज के जरिए मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाने के आरोपी पीडब्ल्यूडी के बाबू अंबर सक्सेना को बर्खास्त कर दिया गया है। एसई ने प्रांतीय खंड के एक्सईएन को बाबू को दिए गए वेतन की वसूली के साथ उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया है।
अंबर सक्सेना की पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड में करीब 12 साल पहले मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति हुई थी। पिछले साल तत्कालीन चीफ इंजीनियर संजय कुमार तिवारी से शिकायत की गई कि अंबर ने अपनी मां के सरकारी नौकरी में होने का तथ्य छिपाकर मृतक आश्रित कोटे में नौकरी हासिल की है। तत्कालीन एक्सईएन नारायण सिंह से कराई गई जांच में प्रथमदृष्टया आरोपों की पुष्टि के बाद तत्कालीन एसई अभिनेश कुमार ने अंबर को सात महीने पहले निलंबित कर दिया था।
इसके बाद कई महीने तक कार्रवाई लंबित रही। हाल ही में शासन और लोकायुक्त तक मामला पहुंचने के बाद चीफ इंजीनियर ने शाहजहांपुर के एक्सईएन से जांच कराई। इस जांच में भी पुष्टि हुई कि अंबर ने अपनी मां के सरकारी सेवा में होने के तथ्य को छिपाकर नौकरी हासिल की है। जांच रिपोर्ट के आधार पर अब पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता प्रकाश चंद्र ने अंबर सक्सेना को बर्खास्त कर रिपोर्ट मुख्यालय भेज दी है। इससे पहले पीडब्ल्यूडी के निर्माण खंड में तैनात दो महिला बाबुओं समीक्षा सिंह और श्वेता जौहरी को मृतक आश्रित कोटे में फर्जी दस्तावेज के जरिए नौकरी हासिल करने पर बर्खास्त किया गया था।
निलंबन पर स्टे लाया तो थमाया बर्खास्तगी का आदेश
पीडब्ल्यूडी अफसरों के मुताबिक अंबर को करीब सात महीने पहले निलंबित किया गया था। इसके खिलाफ वह हाईकोर्ट चला गया था। पिछले सप्ताह हाईकोर्ट ने अंबर का निलंबन रद्द करने का आदेश दिया। ऑर्डर की कॉपी लेकर अंबर विभाग में पहुंचा जहां उसे बताया गया कि उसे बर्खास्त कर दिया गया है।
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