कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री के समर्थन में उतरे अधिवक्ता: घेरा पुलिस कमिश्नर कार्यालय, बोले- गलत तरीके से की गिरफ्तारी
कानपुर, अमृत विचार। मालरोड स्थित मेघदूत होटल का भूतल कब्जाने के मामले में पुलिस ने सोमवार रात में कचहरी से कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री एडवोकेट कुशाग्र पांडेय को गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने देर रात ही उन्हें जेल भेज दिया था। मेघदूत बिल्डिंग के मालिक ने कुशाग्र समेत 29 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। इधर, मंगलवार को बड़ी संख्या में अधिवक्ता पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। जहां उन्होंने गलत तरीके से गिरफ्तारी की मांग कहते हुए कुशाग्र को छोड़ने की बात कही। पुलिस कमिश्नर कार्यालय में भारी पुलिस बल भी मौके पर पहुंचा।
ये था मामला
मालरोड निवासी अशोक कुमार मेहरोत्रा के अनुसार मेघदूत होटल का स्वामित्व उनके पास है। उन्होंने बताया कि बेंगलुरू निवासी कमल पाल को किराए पर भूतल दिया था, लेकिन कमल ने एक फरवरी 1997 से किराया नहीं दिया। जिसके बाद वह कमल के खिलाफ कोर्ट चले गए। जेएससीसी 2 कोर्ट में कमल पाल के खिलाफ वाद दाखिल किया। अशोक के अनुसार कोर्ट का फैसला उनके पक्ष में आया और डिक्री भी हो चुकी है। कोर्ट का फैसला आने के बाद भी भूतल पर कमल का कब्जा रहा और दबाव बनाने के लिए उसने भू माफिया व अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का सहारा लिया। अशोक कुमार के अनुसार कमल ने प्रेस क्लब के पूर्व महामंत्री कुशाग्र पांडेय और अन्य के साथ मिलकर एक फर्जी मुख्तारआम तैयार कराया और मुकदमें में पैरवी की जाने लगी।
अशोक ने बताया कि उनकी संपत्ति से लगभग 100 मीटर दूर की 17/6 की भूमि का प्रतिरूपण कर उनकी स्वामित्व के मकान को बल पूर्वक, कूट रचित दस्तावेजों से कब्जा कर लिया है। अशोक ने बताया कि संपत्ति पर आदेश था कि किसी तरह का कोई कब्जा न किया जाए। कोर्ट आदेश आने के बाद आरोपियों ने 5 अक्टूबर 2023 को एक कूटरचित नोटरियल मुख्तारआम उसी दिन तैयार कराया। जिसमें मनोज सिंह और समीर सिंह को गवाह बनाया।
इतना ही नहीं 17/3 माल रोड कानपुर नगर के स्थान पर एक कल्पित मकान नंबर 17/6 माल रोड कानपुर नगर दर्शाकर कुशाग्र पांडेय व उसके सहयोगियों ने मुख्तारआम तैयार करते हुए अशोक कुमार के मकान नंबर 17/03 माल रोड को 17/6 माल रोड दर्शित करते हुए अपने नाम करने के साथ कब्जा कर लिया। अशोक कुमार के अनुसार जिस 17/6 माल रोड की आड़ में उनकी संपत्ति पर कब्जा किया गया, वह कोई मकान ही नहीं है। उन्होंने बार-बार संपत्ति खाली करने के लिए कहा, मगर आरोपियों ने पत्रकार होने की धमकी देकर जमीन से कब्जा नहीं छोड़ा।
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