Lucknow News : शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए एसएनसीयू को और बेहतर करने की जरूरत
केजीएमयू व यूनिसेफ की तरफ से तैयार ब्रिज कोर्स को प्रमुख सचिव ने किया शुभारंभ
लखनऊ, अमृत विचार : शिशु मृत्युदर में कमी लाने के लिए एसएनसीयू (सिक न्यूबार्न केयर यूनिट) को और बेहतर करने की जरूरत है। प्रशिक्षित एमबीबीएस डॉक्टर की एसएनसीयू में तैनाती की जाए। माता-पिता भी तबीयत खराब होने पर तुंरत शिशु को अस्पताल में भर्ती कराएं। इलाज में देरी न करें। इससे काफी हद तक शिशुओं की जान बचाई जा सकती है। यह जानकारी चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने दी।
सोमवार को केजीएमयू व यूनिसेफ की तरफ से तैयार ब्रिज कोर्स को प्रमुख सचिव ने शुभारंभ किया। प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि शिशुओं को समय पर इलाज जरूरी है। इलाज में देरी शिशु की सेहत पर भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि एसएनसीयू में प्रशिक्षित एमबीबीएस डॉक्टरों की तैनाती की जाए। ताकि समय पर बीमारी की पहचान कर समुचित इलाज मुहैया कराया जा सके। उन्होंने कहा कि यूपी के 75 जिलों में 101 एसएनसीयू हैं। ब्रिज कॉर्से की अवधि 12 हफ्ते ही होगी। जिसमें आठ हफ्ते नूबॉर्न केयर (नवजात) और चार हफ्ते पीडियाट्रिक केयर विषय में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अमित मेहरोत्रा ने कहा कि सामुदायिक रेफरल को मजबूत करने की जरूरत है। एसएनसीयू के विषय में लोगों की जागरूकता से शिशुओं को सही समय से भर्ती कर उनकी जान बचाई जा सकती है। उन्होंने कहा एसएनसीयू में प्रशिक्षित चिकित्सकों की उपस्थिति से नवजात शिशुओं की देखभाल की गुणवत्ता में सुधार होगा।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक डॉ. रतन पाल सिंह सुमन ने कहा ने कहा कि ब्रिज कोर्स एसएनसीयू में तैनात एमबीबीएस डॉक्टरों को नवजात की स्थिति के सही मूल्यांकन एवं उपचार हेतु प्रशिक्षित करेगा। केजीएमयू बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. माला कुमार ने कहा कि ब्रिज कोर्स वास्तविक जीवन की क्लीनिकल स्थितियों पर आधारित है। उन्होंने प्रशिक्षकों से कोर्स मॉड्यूल पर प्रतिक्रिया देने को कहा।