Kanpur: एनजीटी की टीम ने गोलाघाट में गंगा के पानी के नमूने भरे, शहर में आवासीय व औद्योगिक सीवर के प्रबंधन के तरीकों को परखा
पुराने और नये एसटीपी व सीईटीपी पर भी पहुंची टीम, जुही में पानी के सैंपल भरे
कानपुर, अमृत विचार। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में दायर कोर्ट केस के तहत सोमवार को एनजीटी की टीम अपशिष्ट से दूषित स्थलों का निरीक्षण करने शहर पहुंची। उत्तर प्रदेश नियंत्रण बोर्ड और जलनिगम के अधिकारियों के साथ टीम ने शहर के गोलाघाट पर गंगा के पानी के सैंपल लिये।
वहीं, शहर के संचालित एसटीपी और सीईटीपी का निरीक्षण कर इनलेट और आउटर में पानी का सैंपल एकत्र किया। टीम जुही बंबुरहिया भी पहुंची जहां क्रोमियम के खतरे को देखते हुये प्राइवेट व सरकारी सबमर्सिबल का पानी एकत्र किया। अब टीम नमूनों की जांच के बाद अपनी रिपोर्ट एनजीटी के अध्यक्ष को सौंपेगी।
पिछले दिनों एनजीटी ने गंगा के पानी की सेहत को लेकर चिंता जताई थी। कानपुर से फतेहपुर तक के पानी को दूषित बताया था। इसको लेकर एनजीटी में कोर्ट केस भी दायर किया गया है। जिसके बाद सोमवार को शहर में अपशिष्ट निपटान और आवासीय और औद्योगिक सीवर के प्रबंधन के तरीकों की जांच के लिये टीम का गठन किया गया है।
सोमवार को नामित विद्वान न्यायमित्र कात्यायनी के नेतृत्व में एनजीटी की टीम कानपुर पहुंची। टीम के सहयोग के लिये यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा, अरविंद कुमार, जलनिगम ग्रामीण के अधिकारी आशुतोष पांडेय, जटेटा सचिव रिजवान नादरी समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारी साथ रहे। सबसे पहले टीम गोलाघाट नाला पहुंची यहां गंगा में जा रहे नाले के पानी का सैंपल भरा।
इसके बाद टीम ने बिनगवां स्थित 210 एमएलडी एसटीपी का निरीक्षण किया। यहां भी इनलेट और आउट का पानी सैंपल के तौर पर लिया। बिनगंवा के बाद टीम जुही बंबुरहिया पहुंची। यहां टीम ने स्थानीय लोगों से पीने के पानी के संबंध में जानकारी ली। यहां सरकारी और प्राइवेट सबमर्सिबल के पानी का नमूने टीम अपने साथ ले गई। इसके साथ ही क्षेत्रीय पूर्व पार्षद सुनील कनौजिया से क्षेत्र की जनसंख्या और सीवर व पेयजल की संपर्ण जानकारी भी ली।
टीम ने इसके बाद जाजमऊ में 130 और 43 एमएलडी एसटीपी के साथ ही 36 एमएलडी डोमेस्टिक एसटीपी का भी निरीक्षण कर पानी के सैंपल लिये। जटेटा के नये 20 एमएलडी सीईटीपी पहुंचकर एनजीटी की टीम ने टेनरियों के आ रहे पानी और उसके निस्तारण को लेकर जानकारी ली और प्लांट को पूरी क्षमता से चलाने के लिये रुके कार्य को पूरा करने को कहा। इसके बाद टीम ने जाना गांव का भी निरीक्षण किया।