मेदांता लखनऊ ने कानपुर में शुरू की कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी ओपीडी, हृदयरोग से जुड़े मरीज होंगे लाभान्वित
कानपुर, अमृत विचार। मेदांता, लखनऊ ने कानपुर में अपनी कार्डियोथोरेसिक और वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) आउट पेशेंट डिपार्टमेंट (ओपीडी) की शुरुआत की है, यह कानपुर में हृदय रोग के इलाज के क्षेत्र में एक बड़ी शुरुआत है। इस नई ओपीडी से शहरवासियों को हृदयरोग से जुड़े विश्वस्तरीय उपचार का लाभ अब अपने ही शहर में मिल सकेगा, इससे यहाँ की स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार होगा।
कानपुर में ओपीडी का उद्घाटन प्रसिद्ध कार्डियोथोरेसिक एवं कार्डियोवैस्कुलर सर्जन और मेदांता लखनऊ के सीटीवीएस विभाग के प्रमुख, प्रो. (डॉ.) गौरंगा मजूमदार ने किया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य कानपुर के लोगों को बिना किसी लम्बी यात्रा के शहर में ही हृदयरोग के इलाज की सर्वश्रेष्ठ व्यवस्था उपलब्ध कराना है। इस ओपीडी से अब हर उम्र के मरीजों को स्थानीय स्तर पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह और उपचार आसानी से मिलेंगे।
कानपुर ओपीडी में हर महीने के तीसरे शनिवार को दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक नियमित परामर्श सत्र होंगे। यह सत्र एलएलआर मेट्रो स्टेशन के पास स्थित कानपुर कार्डियोलॉजी सेंटर, में आयोजित किया जाएगा। इस दौरान प्रो. मजूमदार दिल और फेफड़े से संबंधित समस्याओं से जूझ रहे मरीजों को देखेंगे और इलाज के विकल्पों पर उनको परामर्श देंगे।
मेदांता लखनऊ में सीटीवीएस विभाग नवजात शिशुओं सहित सभी उम्र के लोगों के दिल, फेफड़े और वैस्कुलर बीमारियों का सम्पूर्ण इलाज किया जाता है। इस विभाग की एक खासियत ‘बीटिंग हार्ट (बीमा) बाईपास सर्जरी है, जो बाईपास मरीजों के लिए स्वस्थ और लम्बी ज़िंदगी की उम्मीद को बढ़ा देती है। विभाग में न्यूनतम चीरे वाली सर्जरी जैसे सीएबीजी, वॉल्व रिप्लेसमेंट, वॉल्व रिपेयर के साथ बिना किसी हड्डी को चीरा लगाए कुछ जन्मजात हृदय रोगों की भी सर्जरी की जाती है। इससे मरीज जल्दी ठीक होते हैं और निशान भी कम होते हैं।
इसके अलावा यहाँ नवजात हृदय रोगियों के लिए हाल ही में एक विशेष नवजात कार्डियक केयर यूनिट की शुरुआत भी की गई है। 2019 में स्थापना के बाद से, मेदांता लखनऊ के सीटीवीएस विभाग ने 4,000 से अधिक सर्जरी की हैं और मृत्यु दर को मात्र 1 प्रतिशत पर नियंत्रित रखा है। यह मेदांता की सुरक्षित और प्रभावी देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कानपुर में यह नई ओपीडी मेदांता के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सा सेवाएं पहुँचाई जा रही हैं। इसका उद्देश्य गोरखपुर, इलाहाबाद और वाराणसी में पहले से उपलब्ध सेवाओं को और मजबूत करना है।