महिलाओं पर फरमान थोपना गलत, संगठनों ने दर्ज कराया विरोध
उप्र महिला आयोग की एडवाइजरी पर जताई आपत्ति
लखनऊ, अमृत विचारः महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने उप्र महिला आयोग द्वारा जारी एडवाइजरी के संबंध में महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. बबिता सिंह चौहान से मुलाकात की। विदित हो कि पिछले महीने महिला आयोग ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें पुरुष दर्जियों के यहां कपड़ों की नाप लेने के लिए महिलाओं को रखना होगा, जिम में महिलाओं के लिए महिला जिम ट्रेनर होगी, सैलून में महिला ही महिला के बाल काटेगी, ब्यूटीपार्लर में भी महिलाएं ही होंगी इत्यादि। इन संस्थानों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाने होंगे। महिला संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आयोग की अध्यक्ष को एक ज्ञापन देते हुए इन बिंदुओं पर अपनी आपत्ति दर्ज की है।
संगठनों का कहना है कि यह किसी भी महिला की व्यक्तिगत पसंद का मामला है। किसी फरमान को थोपना दरअसल महिला सुरक्षा के नाम पर महिलाओं की स्वतंत्रता पर हमला है। प्रतिनिधिमंडल ने आयोग से अपील की इस एडवाइजरी को वापस लें और यदि बैड टच का कोई मामला आता है तो उस केस में सख्त कानूनी कार्रवाई का निर्देश दें। आयोग की अध्यक्ष से वार्ता में प्रतिनिधि मंडल ने उप्र के लिए एक महिला नीति बनाने की भी अपील की। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय महिला फेडेरेशन से कांति मिश्रा, बबिता सिंह, एडवा से मधु गर्ग, वन्दना राय, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका नाइश हसन, एपवा से मीना सिंह उपस्थित थीं।
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