श्रीलंका: संसदीय चुनाव के लिए प्रचार समाप्त, राष्ट्रपति कुमारा दिसानायके ने किए कई वादे

श्रीलंका: संसदीय चुनाव के लिए प्रचार समाप्त, राष्ट्रपति कुमारा दिसानायके ने किए कई वादे

कोलंबो। श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने गुरुवार को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए अपना प्रचार अभियान नई सरकार के तहत आर्थिक सुदृढ़ीकरण के वादे के साथ समाप्त किया। राष्ट्रपति दिसानायके ने भ्रष्टाचार से निपटने और देश की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के वादे के साथ सितंबर में चुनाव जीतने के बाद मध्यावधि संसदीय चुनाव का आह्नान किया था।

पूर्व मार्क्सवादी समूह नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) ने मुख्य रूप से अपनी भ्रष्टाचार रोधी नीतियों को लागू करने के लिए चुनावों में पूर्ण बहुमत का नारा दिया है। एनपीपी ने आरोप लगाया कि 1948 से देश पर शासन करने वाले प्रमुख राजनीतिक दलों के सभी नेता इस भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं। दिसानायके ने सोमवार को अपने अंतिम रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मार्च में पेश किए जाने वाले नये सरकारी बजट में कमाई के अनुरूप भुगतान कर में भारी कटौती की जाएगी। यह एक ऐसा कर था, जिसे विक्रमसिंघे ने सरकार के राजस्व को बढ़ाने के लिए लोगों पर लगाया था। 

इसकी वजह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा राजस्व बढ़ाने के लिए लगाई गयी शर्तों के कारण रानिल विक्रमसिंघे पर दबाव था। निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे 1977 के बाद से पहली बार संसदीय चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। दिसानायके ने इस बात पर जोर दिया कि 1948 से लेकर 75 वर्षों तक चले शासक वर्ग के शासन 14 नवंबर को औपचारिक रूप से समाप्त हो जाएगा।

दिसानायके ने कहा, “एनपीपी को बहुमत देकर हमें संसद में मजबूत बनाइए।” विश्लेषकों का हालांकि मानना ​​है कि पिछले राष्ट्रपति चुनाव में एनपीपी को राष्ट्रीय स्तर पर 42 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे, इसलिए एनपीपी को 225 सदस्यीय सदन में बहुमत हासिल करने के लिए आवश्यक 113 सीट पर जीत दर्ज करने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है। 

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