Etawah: सेंट्रल जेल में राजस्थान के सजायाफ्ता कैदी की मौत...हत्या के प्रयास में काट रहा था 10 साल की सजा
2 अक्टूबर को राजस्थान से सेंट्रल जेल आया था
इटावा, अमृत विचार। केंद्रीय कारागार में हत्या के प्रयास में 10 वर्ष की सजा काट रहे 48 वर्षीय कैदी को बीमार होने पर रविवार को उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार की सुबह 6 बजे इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। सजायाफ्ता कैदी को पिछले महीने ही राजस्थान से यहां सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया था।
राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ थाना क्षेत्र के मूनपुर निवासी बदरी प्रसाद मीणा (48) पुत्र लालजी को हत्या के प्रयास के मामले में 11 जनवरी 2022 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश एफटीसी कोर्ट संख्या-2 ने 10 वर्ष की सजा सुनाई थी।
कैदी एक दूसरे मामले में अलवर जिले की जेल में बंद था। पिछले महीने 2 अक्टूबर को उसे राजस्थान से इटावा के वैदपुरा थाना क्षेत्र में स्थित केंद्रीय कारागार में शिफ्ट किया गया था, जहां वह बैरिक नंबर-1/6 में बंद था।
9 नवंबर को कैदी बदरी प्रसाद मीणा के पेट और सीने में दर्द होने की शिकायत पर जेल प्रशासन ने पुलिस कस्टडी में उत्तर प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय सैफई इलाज के लिए भेजा था।
सैफई में जांच होने के बाद उसे फिर से जेल वापस भेज दिया गया था। 10 नवंबर की सुबह फिर उसके पेट और सीने में दर्द हुआ तो जेल प्रशासन ने सरकारी एंबुलेंस से सैफई विश्वविद्यालय के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
बेटे ने मौत पर उठाए सवाल
जेल प्रशासन की सूचना पर यहां पहुंचे कैदी बदरी प्रसाद मीणा के पुत्र ब्रजमोहन मीणा और भाई हरीराम मीणा ने बताया कि जेल प्रशासन की ओर से सीधे मौत की सूचना दी गई है, जबकि बीमार होने की कोई सूचना नहीं दी गई। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बदरी प्रसाद की तबीयत खराब थी तो जेल प्रशासन की ओर से सूचना क्यों नहीं दी गई।
उन्होंने बाएं पैर पर जले का निशान मिलने पर जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। अस्पताल प्रशासन की सूचना पर नायब तहसीलदार सैफई अलख शुक्ल ने शव का पंचनामा भरवाकर पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल कॉलेज सैफई भेजा।