UP: सिर्फ कपड़ों से कोई योगी नहीं बनता, बोले अखिलेश यादव- जो लोग Encounter करते हैं, उनका Countdown शुरू हो गया है...

UP: सिर्फ कपड़ों से कोई योगी नहीं बनता, बोले अखिलेश यादव- जो लोग Encounter करते हैं, उनका Countdown शुरू हो गया है...

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने शनिवार को कहा कि कोई व्यक्ति वस्त्र से नहीं बल्कि अपने वचन से योगी होता है। नोटबंदी के दौरान जन्म लेने वाले बच्चे ‘खजांची’ के जन्मदिन पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम लिये बगैर यह टिप्पणी की। 

अखिलेश यादव ने कार्यक्रम में कहा, “जो लोग मुठभेड़ करते हैं, उनका काउंटडाउन (उल्टी गिनती) शुरू हो गया है।” उन्होंने कहा, “अब वे उतने दिन सरकार में नहीं रहेंगे, जितने दिन वे (सरकार में) रहे हैं। इसलिए आप देखेंगे कि उनकी भाषा बदल गई है, उनके सोचने और समझने का तरीका भी बदल गया है। सच तो यह है कि ‘मन की कुटिलता ही वचन की कटुता बन रही है’।”

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “जो व्यक्ति किसी को अपने से बड़ा नहीं समझता, वह कैसा योगी है? अगर कोई है जो संतों को आपस में लड़ा रहा है, तो वह सरकार में बैठे लोग हैं।” उन्होंने कहा, “कहते हैं कि संत जितना बड़ा होता है, उतना ही कम बोलता है और जब बोलता है तो जनकल्याण के लिए बोलता है। यहां तो सब उल्टा है। जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल हो रहा है...कोई व्यक्ति अपने पहनावे से योगी नहीं होता, बल्कि अपने बोलने से योगी होता है।”

सपा प्रमुख ने कहा, “हमारे यहां ऋषियों की परंपरा रही है लेकिन आज जिन्हें मृदुभाषी होना चाहिए, वे वाचाल और कटुभाषी हो गए हैं। जिन्हें सच बोलना चाहिए, वे झूठे उपदेशक बन गए हैं। जिन्हें निर्भयता दूर करनी चाहिए, वे भय फैला रहे हैं। जिन्हें दान-पुण्य करना चाहिए, वे अत्याचारी बन गए हैं। जिनका काम सरकार चलाना होना चाहिए, वे बुलडोजर चला रहे हैं। सरकार विकास का प्रतीक होनी चाहिए, लेकिन विनाश का प्रतीक बन गई है।”

नोटबंदी भाजपा के भ्रष्टाचार का सागर साबित हुई है..

अखिलेश यादव ने कहा कि ‘खजांची’ जितना बड़ा होता जाएगा, वह लोगों को नोटबंदी की विफलता की याद दिलाता रहेगा। उन्होंने कहा, “और सच तो यह है कि नोटबंदी दुनिया के आर्थिक इतिहास में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बनकर उभरी है। नोटबंदी भाजपा के भ्रष्टाचार का सागर साबित हुई है। यह दिखावटी काम था और यह वैसा ही बना रहा।”

अखिलेश यादव ने नोटबंदी के प्रभाव की तुलना ‘धीमे जहर’ से की, जिसने किसानों, मजदूरों, मध्यम और वेतनभोगी वर्ग, छोटे व्यापारियों और रेहड़ी-पटरी वालों को समान रूप से प्रभावित किया। पूर्व मुख्यमंत्री यादव ने कहा, “नोटबंदी, भाजपा की वोटबंदी का कारण बनी है। नोटबंदी ने मंदी लाकर बहुत सारे काम-कारखानों पर ताला लगाया और अब यही भाजपा की सत्ता की तालेबंदी करेगी।” सपा प्रमुख ने आरोप लगाया, “अब भाजपा की कोई साख नहीं बची इसलिए वह अधिकारियों को आगे करके चुनाव लड़ रही है लेकिन अधिकारी भी जानते हैं कि जनता भाजपा के साथ नहीं है।”

अखिलेश यादव ने पूछा कि जनता भाजपा के खिलाफ है और जब जनता ही उनके खिलाफ हो जाएगी तो अधिकारी क्या करेंगे? उन्होंने कहा कि उपचुनाव में समाजवादी पार्टी और जनता भाजपा सरकार के हर हथकंडे का डटकर मुकाबला करेगी। उन्होंने कहा, “भाजपा अमृत काल की याद दिलाती है लेकिन उसके कार्यकाल में यह आजादी नहीं बल्कि बर्बादी का अमृत काल है।”

अखिलेश यादव ने कहा, “इस सरकार में जितनी महिलाएं या बेटियां आत्महत्या करने के लिए मुख्यमंत्री आवास पर आई हैं उतनी कभी नहीं आई थीं।” उन्होंने खाद लेने के लिए कतार में खड़े किसानों को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा, “यह सरकार अपनी विफलता को छिपाना चाहती है, वे नकारात्मक हैं, उनके अंदर नकारात्मकता है।” यादव ने कहा, “भाजपा सरकार लोगों के साथ अन्याय कर रही है इसीलिए उसे न्यायपालिका से डांट और जुर्माना मिल रहा है। भाजपा सरकार ‘संविधान’ पर नहीं बल्कि ‘मनविधान’ पर चल रही है।”

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