अमरोहा : ऐतिहासिक तिगरी गंगा मेले में दिखा रहा श्रद्धा, भक्ति और आस्था का संगम

गंगा की रेत पर मौज मस्ती करने लगे श्रद्धालु, लगाई आस्था की डुबकी

अमरोहा : ऐतिहासिक तिगरी गंगा मेले में दिखा रहा श्रद्धा, भक्ति और आस्था का संगम

गजरौला/अमरोहा, अमृत विचार। तिगरी में लग रहे ऐतिहासिक गंगा मेला में अब श्रद्धा, भक्ति, आस्था का संगम दिखने लगा है। शुक्रवार शाम तक मेला स्थल पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दो लाख हो गई है। मेला स्थल पर तंबू, झूले, सर्कस लगे हैं। घाटों पर श्रद्धालु स्नान कर रहे हैं। 15 नवंबर को मुख्य स्नान होगा।

मेला स्थल पर चारों ओर तंबू, झूले-सर्कस, घाटों पर श्रद्धालुओं का स्नान, शिविरों में श्रद्धालुओं की चहल-पहल नजर आ रही है। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस भी सतर्क हो गई है। तिगरी गंगा मेला पहुंचने के दो ही प्रमुख रास्ते हैं। पहला गजरौला से तिगरी होकर जाने वाला मुख्य मार्ग। नेशनल हाईवे से गजरौला चौपला, भानपुर रेलवे फाटक के माध्यम से कुमराला पुलिस चौकी होते हुए सीधे तिगरी पहुंच जाएंगे। यदि आपके पास जाने का साधन ट्रैक्टर ट्राली जैसा है तो तिगरी के प्रवेशद्वार शिव मंदिर मूर्ति से कुछ पहले पुलिस बैरियर के समीप बाई तरफ ट्रैक्टर रोड मिलेगी। जहां श्रद्धालु के ठहरने को डेरे डालने की पर्याप्त जगह व स्नान के लिए घाट है। यहीं से अन्य सेक्टरों के रास्ते मिल जाएंगे। कार व बाइक होने पर शिव मृर्ति चौक से बाई तरफ कटने वाली सड़क गांव में होकर मेला स्थल पर पहुंचाएगी। वीआइपी श्रेणी वाले अथवा पुलिस व प्रशासनिक अमले के लिए इसी मूर्ति वाले स्थान से सीधा रास्ता है, जो सेक्टर संख्या एक व दो होते हुए गंगा रोड के माध्यम से मेला स्थल पहुंचाएगा। जहां शुरूआत में कुछ स्वयं सेवी संगठनों, माननीयों, प्रशासनिक अधिकारियों के शिविर लगे हैं। गंगाद्वार के बीच से सीधा मेला कोतवाली, अस्पताल व स्काउट शिविर, जिला पंचायत, टेंट, हैंडपंप, बिजली इत्यादि सुविधाओं वाले ठेकेदारों के शिविरों से होते हुए सदर द्वार पर पहुंचा देगा।

गंगा रोड किनारे घाट तो सदर गेट के समीप झूले सर्कस पूर्व की भांति इस बार भी गंगा रोड से सटे सेक्टरों पर ही स्नान घाट बनाए गए हैं। सेक्टर एक व दो के सामने स्नान घाट बने हैं। इसी तरह कुछ आगे और फिर अंत में सेक्टर 16 के सामने स्नान घाट हैं। सदर गेट के सामने मीना बाजार, झूले-सर्कस, चाट-पकौड़ी की दुकानें हैं। इसी क्षेत्र के चारों तरफ अन्य सामाजिक व धार्मिक संगठनों के शिविर इत्यादि हैं। सदरगेट पर स्काउट गाइड का शिविर है, जहां खोए-पाए के संदर्भ में रात दिन सूचना केंद्र चालू रहता हैं।

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