UPI से देवा मेला में दिख रही डिजिटल इंडिया की झलक, छोटे से लेकर बड़ी दुकानों में हो रहा ऑनलाइन पेमेंट
(रीतेश श्रीवास्तव) बाराबंकी, अमृत विचारः ऐतिहासिक देवा मेले में पीएम मोदी के डिजिटल इंडिया की झलक साफ तौर पर दिख रही है। मेले में सिंघाड़े और गोलगप्पों की खरीद से लेकर बाइक तक की बुकिंग के लिए यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) का खूब इस्तेमाल हो रहा है। आलम यह है कि मेले में 70 फीसदी से अधिक दुकानदार यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके चलते पांच दस रुपये जैसी छोटी-छोटी खरीदारी के लिए दुकानदारों को खुल्ले पैसे रखने और ग्राहकों को भारी भरकम पर्स रखने की परेशानी से मुक्ति मिल गई है।
कैशलेस हुआ मेला प्रांगण
डिजिटलाइजेशन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैशलेस इकोनॉमी (Cashless Economy) को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों के परिणाम अब दिख रहे हैं। ऐतिहासिक देवा मेला इसका जीवंत उदाहरण बनकर सामने है। जहां मझोले और छोटे दुकानदारों ने डिजिटल पेमेंट को अपनाकर व्यापार की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है। इस मेले में 70 प्रतिशत तक दुकानदार यूपीआई के माध्यम से भुगतान स्वीकार कर रहे हैं। पहले मेला घूमने आने वाले लोगों को ही नहीं बल्कि फुटकर दुकानदारों को छोटे-मोटे लेन-देन के लिए ग्राहकों से सौ, पचास और उससे बड़े नोट लेकर खुल्ले पैसे वापस करने की समस्या का सामना करना पड़ता था, लेकिन अब जिस तेजी से मेले में यूपीआई का इस्तेमाल बढ़ा है। खरीदारी खासी सुगम हो गई है।
डिजिटल इंडिया में खत्म हुई परेशानी
दुकानदारों की मानें तो डिजिटल पेमेंट का बड़ा फायदा यह है कि अब उन्हें बिक्री के बाद मिली रकम की सुरक्षा और फिर उसे ले जाकर बैंक में जमा करने की माथा पच्ची से पूरी तरह मुक्ति मिली है। मेला घूमने आए ग्राहकों की मानें तो अब बिना नकद लिए भी मेले में घूम सकते हैं और आसानी से यूपीआई या अन्य डिजिटल माध्यमों से भुगतान कर पा रहे हैं। ग्राहकों का कहना है कि ऐतिहासिक देवा मेला में डिजिटलाइजेशन के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों का परिणाम साफ दिख रहा है। बड़ी दुकानों से लेकर झूले, रेहड़ी और ठेले वालों के यूपीआई के जरिए डिजिटल पेमेंट लेने का एक बड़ा फायदा यह है कि उन्हें छोटे नोट संभालकर रखने की आवश्यकता नहीं रहती। मेले जैसी जगहों पर जहां भीड़ होती है और छोटे-छोटे सामानों की खरीदारी होती है, वहां कैश संभालना हर बार चुनौती ही रहा है।
बढ़ती रात के साथ परवान चढ़ा देवा मेला
मेला का शुभारंभ हुए पांच दिन बीत चुके हैं। करवाचौथ पर्व के बाद अब मेला अपने रौब में दिख रहा है। दिन के साथ रात भर लाखों की संख्या में जायरीन और मेलार्थी चारों ओर दिख रहे हैं। फिर वह चाहे दुकान पर खरीददारी करने का नजारा हो या फिर बाबा की दरगाह पर चादर चढ़ाने का। जैसे-जैसे रात परवान चढ़ती है, वैसे-वैसे देवा मेला गुलजार हो उठता है। दिन में दरगाह पर दुआ मांगने वाले अकीदतमंदों की भीड़ रहती है। वहीं शाम ढलने के बाद रोशनी से जगमगा उठने वाला देवा मेला देखने के लिए भीड़ सड़कों-गलियों में उतर पड़ती है। रंग-बिरंगी रोशनियों से जगमग मजार परिसर अलग ही छटा बिखेरता है, तो यहां की हवाओं में घुली इत्र की महक और व्यंजनों की खुशबू अकीदतमंदों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मेले में लजीज व्यंजन, हलवा पराठा, दरगाह के मुख्य द्वार पर प्रसाद लेने के लिए रातभर श्रद्धालु की कतार, कंबल से लेकर ऊनी परिधान, शेख मोहम्मद हसन गेट के पास आइस्क्रीम काउंटर और ऊंचे-ऊंचे झूले एक अलग ही छाप छोड़ रहे हैं।