Unnao News: अप्रशिक्षितों के हाथ ड्रोन की कमान, खतरे में लोगों की जान...बिना लाइसेंस व प्रशिक्षण के उड़ा रहे
उन्नाव, (बृजेंद्र प्रताप सिंह)। शादी-विवाह से लेकर शासकीय आयोजनों के दौरान भी ड्रोन कैमरों का उपयोग इन दिनों बढ़ा हुआ है। लेकिन ड्रोन उड़ाने वाले अधिकांश लोगों को यह तक पता नहीं है कि इसके उपयोग से पहले उन्हें पुलिस और प्रशासन की स्वीकृति लेना अनिवार्य है। वे सिर्फ आयोजनों में ड्रोन उड़ाने की फीस लेकर अपना काम शुरू कर देते हैं। जबकि लोगों के सिर पर मड़राते ड्रोन के अनियंत्रित होने से उनकी जान तक जा सकती है।
बता दें कि आधुनिकीरण के युग में ड्रोन का प्रयोग लगातार बढ़ रहा है। शादी बारात में व अन्य मांगलिक कार्यक्रमों में भी चार पंखों से उड़ते हुए ड्रोन कैमरे देखकर हर कोई आकर्षित होता है। कभी ऊपर से तो कभी सामने से चलती हुई तस्वीरें कार्यक्रमों में आकर्षण का केंद्र होती हैं।
परंतु मानकविहीन ड्रोन व इन्हें उड़ाने वाले अप्रशिक्षित लोग आमजन के लिए जानलेवा भी साबित हो सकते हैं। इन अप्रशिक्षितों के पास ड्रोन उड़ाने का लाइसेंस तक नहीं होता है। परंतु ड्रोन चलाकर वह अपनी और लोगों की जान खतरे में डालते हैं। वहीं, गैर पंजीकृत ड्रोन व उन्हें चलाने वाले आंतरिक सुरक्षा को भी खतरा साबित हो सकते हैं।
प्रशिक्षण लिए बिना उड़ा रहे ड्रोन
ड्रोन उड़ाने के लिए बनी नियमावाली के मुताबिक किसी व्यक्ति या संपत्ति को खतरा होने पर ड्रोन उसके ऊपर से नहीं उड़ाया जा सकता है। ड्रोन उड़ाने के लिए प्रशिक्षण अति आवश्यक है। लेकिन, सैकड़ों लोग बिना प्रशिक्षण के ड्रोन कैमरा उड़ा रहे हैं।
ड्रोन उड़ाते समय सावधानी जरूरी है
ड्रोन उड़ाने के दौरान न सिर्फ उसे उड़ाने वाले को सावधानी रखनी होती है बल्कि ड्रोन के आसपास रहने वालों को भी सतर्क रहना जरूरी है। ड्रोन का उपयोग करने वाले जानकारों का कहना है कि ड्रोन उड़ाते वक्त इससे उचित दूरी जरूरी है। संभव हो तो ड्रोन के नीचे न आएं। ड्रोन उड़ाने वाले से बातचीत न करें। इससे उसका ध्यान भटक सकता है। ड्रोन उड़ाने वाले से उसका प्रशिक्षण प्रमाणपत्र देखने के साथ पुलिस व प्रशासन से ली गई स्वीकृति पत्र भी जरूर देखें।
क्या कहते हैं ड्रोन उडाने के नियम
केंद्र सरकार ने 25 अगस्त 2021 को ड्रोन से संबंधित नियमावली जारी की थी। जिसमें न सिर्फ ड्रोन उड़ाने व खरीदने के नियम बताए गए बल्कि इसकी ऊंचाई, रफ्तार और वजन की भी जानकारी दी गई है। इसमें स्पष्ट है कि ड्रोन से हुई दुर्घटना के 48 घंटे में ड्रोन पायलट डिजिटल स्काई प्लेटफार्म के जरिए महानिदेशक को आवश्यक रूप से जानकारी देगा। नियमावली के अनुसार तय मापदंड पूरा करने के बाद ही ड्रोन उड़ाने की अनुमति दी जाएगी। रेड जोन में ड्रोन उड़ाने की अनुमति पुलिस और प्रशासन से होना अनिवार्य है।
क्या बोले लोग…
समाजसेवी हरिपाल सिंह ने कहा कि ड्रोन से फायदे कम और नुकसान अधिक है। वर्तमान समय में चोर भी इसका सहारा लेकर ऊपर से ही घरों की स्थिति देखकर वहां चोरी की घटना को अंजाम दे सकते हैं। वहीं, सफीपुर बार एसोसिएशन अध्यक्ष रामखेलावन ने कहा कि आजकल ड्रोन कैमरों का प्रचलन विवाह आदि आयोजनों में बढ़ा है। यह समाज के लिए खतरा हो सकते हैं।
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