Kanpur: 367 करोड़ की बर्बादी का स्मारक ‘भूत महल’, इमारत होती जा रही खंडहर, आसपास झाड़ियों का जंगल पर कोई जवाबदेह नहीं
पांडु नगर बीमा अस्पताल परिसर में खड़े अधूरे भवन का इस्तेमाल तय नहीं हो पाया
कानपुर, अमृत विचार। पांडु नगर स्थित बीमा अस्पताल परिसर में खड़ा आधा-अधूरा भवन सरकारी योजनाओं में लापरवाही और भ्रष्टाचार का स्मारक बन गया है। आसपास झाड़ियों का जंगल और खंडहर होते भवन को आसपास के लोग ‘भूत महल’ जैसा बताते हैं। 12 साल निर्माण कार्य चला, इस दौरान यही तय नहीं हो पाया कि भवन बनाया किसलिए जाना है। अब 367 करोड़ रुपये बर्बाद होने के बाद किसी की जवाबदेही तो दूर सालों से बंद पड़ी परियोजना पूरी करने की तरफ भी किसी का ध्यान नहीं है।
पांडु नगर स्थित बीमा अस्पताल परिसर में 289 करोड़ से कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अधिकारियों ने ईएसआइसी का मेडिकल कॉलेज बनाने का निर्णय लिया था, इसके लिए वर्ष 2006 में निर्माण एजेंसी फाइनल की गई। इसके बाद वर्ष 2007 में 300 बेड का बीमा अस्पताल बनाने का काम शुरू हुआ था।
लेकिन मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मानक के तहत जमीन कम होने पर इस निर्णय को खारिज कर दिया गया। इस पर ईएसआइसी अधिकारियों ने यहां डेंटल कॉलेज खोलने का फैसला लिया। लेकिन ईएसआईसी बोर्ड ने कामगारों के पैसे से डेंटल कॉलेज बनाने के फैसले पर एतराज जता दिया और इसे पैसों की बर्बादी का करार दिया।
इसके बाद अधिकारियों ने यहां पर पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी दूर करने के लिए ईएसआइसी का नर्सिंग कॉलेज खोलने फैसला लिया। लेकिन कुछ दिनों बाद अधिकारियों ने अपने इस फैसले को भी पलट दिया और नर्सिंग कॉलेज नहीं बन पाया। इसी बीच भाजपा सरकार ने कानपुर में सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल खोलने का निर्णय लिया। तत्कालीन केंद्रीय श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने 6 अक्टूबर 2016 को यहां सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की आधारशिला रखी, जो बिल्डिंग 289 करोड़ में बननी थी, अब उसकी लागत बढ़कर 367 करोड़ रुपये हो गई थी।
निर्माण कार्य में कुछ दिन तेजी दिखी जिससे लगा कि श्रमिकों को अब इलाज के लिए कहीं और भटकना नहीं पड़ेगा और जल्दी ही सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनकर तैयार हो जाएगा, लेकिन श्रमिकों के सपने सपने ही रह गए और वर्ष 2019 में काम पूरी तरह बंद हो गया। अब अधूरी इमारत खंडहर जैसी नजर आती है और चारों तरफ झाड़ियों की जंगल खड़ा हो चुका है।
पांडु नगर में निर्माणाधीन बीमा अस्पताल के संचालन के संबंध में विधानसभा में मुद्दा उठाया है, ताकि श्रमिकों को इलाज के लिए किसी परेशानी का सामना न करना पड़े- अमिताभ बाजपेई, सपा विधायक।
निर्माणाधीन बीमा अस्पताल के संचालन के संबंध में श्रम मंत्री अनिल राजभर से मुलाकात कर उन्हें जानकारी दी है। निर्माण कार्य जल्द पूरा हो सके, इस पर चर्चा की थी। इस अस्पताल को भी जाजमऊ बीमा अस्पताल की तरह केंद्र सरकार के हैंडओवर करने के विषय में वार्ता हुई। बैठक में यह मुद्दा उठाया जाएगा।- सुरेंद्र मैथानी, भाजपा विधायक।