अयोध्या: रुदौली की ऐतिहासिक रामलीला शुरू, पंकज आर्य ने रावण का बेहतरीन अभिनय कर लूटी वाहवाही
मुनि हित कारन कृपानिधाना। दीन्ह कुरूप न जाइ बखाना॥
भेलसर/अयोध्या, अमृत विचार। श्री रामलीला समिति रुदौली की रामलीला पूजन अर्चन के साथ गुरुवार रात से प्रारम्भ हो गई। 135 वर्ष पुरानी रामलीला के प्रथम दिन विष्णु भगवान ने नारद का अहंकार तोड़ एवं सभी देवताओं के त्राहिमाम त्राहिमाम कहने पर प्रकट होकर पृथ्वी पर मनुष्य रूप में अवतार लेने का मंचन किया गया। मंचन में दिखाया गया कामदेव पर विजय प्राप्त होने पर नारद जी को अहंकार हो जाता है और भगवान अपने भक्त के अहंकार का समूल नाश करते हैं।
भगवान विष्णु अपनी माया से एक माया नगरी बनाते जिसमें विश्वमोहनी नाम की राजकुमारी का स्वयंवर होता है। नारद जी उस कन्या पर मोहित होकर उससे विवाह करना चाहते हैं और भगवान से सुन्दर स्वरूप मांगते हैं लेकिन भगवान उनको बंदर का स्वरूप प्रदान करते हैं। जब वह सभा में पहुंचते हैं तो शिवगण उनका मजाक उड़ाते हैं और वह कन्या भगवान विष्णु के गले में वरमाला डाल देती है।
उपहास से क्रोधित नारद जी ने भगवान विष्णु को श्राप दे दिया और कहा कि जैसे मैं स्त्री के लिए धरती पर व्याकुल था वैसे ही आप भी मनुष्य रूप में जन्म लेकर स्त्री के वियोग से व्याकुल होकर धरती पर भटकेंगे और उस समय आपकी वानर ही सहायता करेंगे। इधर लंका का राजा रावण ऋषि मुनियों पर अत्याचार करता है।
उसके अत्याचार से परेशान होकर ऋषि, मुनि व देवताओं ने भगवान विष्णु की आराधना की।भगवान ने प्रकट होकर उन सभी को आश्वासन दिया कि वह राम रूप में अवतार लेकर दुष्टों का संहार करेंगे। भगवान की आरती के साथ पहले दिन की रामलीला का समापन होता है। रावण के अभिनय में पंकज आर्य, नारद के अभिनय में गणेश अग्रवाल, भगवान विष्णु के अभिनय में अभिषेक मिश्रा एवं इन्द्र के अभिनय में शैलेंद्र शर्मा ने मन मोह लिया।
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