नैनीताल: सूर्य के नजदीक से गुजरेगा धूमकेतु C-2023 A3
नैनीताल, अमृत विचार। खगोलविदों और आकाश के प्रति उत्साही लोगों के लिए एक रोमांचक खबर है। धूमकेतु सी /2023 ए3 ( तसूचिनशन एटलस ) जल्द ही सूर्य के करीब से गुजरने वाला है और यह एक अद्वितीय खगोलीय घटना साबित हो रही है। इस धूमकेतु की खोज जनवरी 2023 में तसूचिनशन ज़िज़ियांग वेधशाला, चीन और एटलस (एसतेरोइड टेर्रेस्ट्रियल - इम्पैक्ट लास्ट अलर्ट सिस्टम, हवाई) द्वारा की गई थी। इसकी कक्षा लंबी है और यह सूर्य के चारों ओर घूमता है। 2024 में, यह धूमकेतु सबसे चमकीले आकाशीय पिंडों में से एक हो सकता है, और इसकी चमक लगातार बढ़ रही है।
धूमकेतु सी/2023 ए3 के निकटतम दृष्टिकोण की उम्मीद अक्टूबर 2024 में की जा रही है। उस समय, यह पृथ्वी और सूर्य के करीब आएगा, जिससे इसे नग्न आंखों से देखा जा सकेगा। यह उत्तरी गोलार्ध के आकाश में दिखाई देगा, शुरुआत में पूर्वी आकाश में और धीरे-धीरे पश्चिम की ओर बढ़ेगा।
धूमकेतु का सबसे अच्छा अवलोकन सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद के समय किया जा सकता है, जब आकाश पूरी तरह अंधेरा होता है। जबकि इसे नग्न आंखों से भी देखा जा सकता है, एक छोटी दूरबीन या टेलीस्कोप के उपयोग से इसे और भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
धूमकेतु सी/2023 ए3 के अवलोकन का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी विशेष महत्व है। धूमकेतुओं में बर्फ, धूल, और गैस होती है, जो सौर मंडल के शुरुआती निर्माण के समय की बची हुई सामग्री है। इससे हमें सौर मंडल के निर्माण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है। इस धूमकेतु का आगमन न केवल वैज्ञानिकों के लिए बल्कि आम लोगों के लिए भी एक अविस्मरणीय आकाशीय नज़ारा बन सकता है।
जो हमें ब्रह्मांड की विशालता और सुंदरता की याद दिलाएगा।एस्ट्रोफोटोग्राफर फोटो ग्राफ़र प्रमोद खाती ने बताया इसी धूमकेतु को 30 सितम्बर की सुबह अपने कैमरे में कैद किया। उन्होंने बताया की धूमकेतु आने वाली 12 अक्टूबर को इस धूमकेतु को आखों से देखे जा सकेगा। वर्तमान में धूमकेतु को सुबह सूर्योदय से पहले पूर्व दिशा में डीएसएलआर अथवा खगोलीय दूरबीन से देखा जा सकता है। 11 अक्टूबर के बाद धूमकेतु को सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में देखा जा सकता है।