बाराबंकी: दुर्घटना बाहुल्य हैदरगढ़ चौराहा नहीं बन सका ब्लैक स्पॉट, पिछले कुछ वर्षों में सड़क हादसों से मौतों का बढ़ा आंकड़ा

वाहनों का बढ़ा दबाव, तो आए दिन जाम बनी आदत

बाराबंकी: दुर्घटना बाहुल्य हैदरगढ़ चौराहा नहीं बन सका ब्लैक स्पॉट, पिछले कुछ वर्षों में सड़क हादसों से मौतों का बढ़ा आंकड़ा

बाराबंकी, अमृत विचार। हैदरगढ़ चौराहा दुर्घटना बाहुल्य यूं ही नहीं बन गया। समय रहते जो सुधार होने चाहिए थे, उन पर अमल ही नहीं हुआ और न ही इस चौराहे को ब्लैक स्पाट में ही चिन्हित किया गया। हां फौरी तौर पर कुछ उपाय जरूर अपनाए गए पर दुर्घटना बाहुल्य चौराहे और जाम स्थल का बदनुमा दाग अभी भी नहीं हट सका है।

इसी वजह से चार दिशाओं का रास्ता बताने वाले इस चाैराहे पर अभी भी सड़क हादसों का प्रतिशत बढ़ गया है। रोजाना लाखों वाहनों के गुजरने के साक्षी इस चौराहे पर हादसों पर लगाम लगाने के लिए जिला स्तर पर बनी समिति सुधार की दिशा में काम कर रही पर इसमें अभी लंबा समय लगेगा। 

सुल्तानपुर, रायबरेली, लखनऊ व बाराबंकी से आने जाने वाले वाहनों को रास्ता देने वाला हैदरगढ़ चौराहा कुछ सालों से खतरनाक हो चला है क्योंकि पिछले कुछ वर्षाें में इस चौराहे पर होने वाले सड़क हादसों से मौतों का प्रतिशत 80 हो चला है तो आए दिन जाम लगना आदत में शामिल हो चला है। इस चौराहे पर छोटे बड़े वाहनों का काफी दबाव तो है ही साथ ही रात घिरते ही इनकी गति में बेतहाशा वृद्धि हो जाती है।

इस चौराहे पर लगाम लगाने के लिए पुलिस चौकी बनी है और एक उपनिरीक्षक के अलावा यातायात व पुलिस सिपाही की भी तैनाती है इसके बावजूद चौराहे पर होने वाले सड़क हादसों में कमी नहीं आ पा रही। वहीं जाम की समस्या आम हो चली है। इसके पीछे प्रमुख वजह इस स्थान का ब्लैक स्पाट चिन्हित न होना है, जिससे यहां पर सुधार की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकें। वाहनों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती गई वह चाहे दो पहिया चौपहिया वाहन हों या फिर सरकारी बसें और भारी वाहन, इनकी आवाजाही की वजह से यातायात पर हर समय एक दबाव बना रहता है।

एक और वजह यह भी कि सुल्तानपुर की ओर से आने वाली सरकारी बसें बस स्टाप जाने के बजाए बीच रोड पर ही खड़ी हो जाती हैं, वहीं हैदरगढ़ से बाराबंकी की ओर आने वाली बसों का भी सड़क किनारे खड़े होकर सवारी भरना बदस्तूर जारी है। एक राहत भरी खबर यह कि इस चौराहे पर सुधार की दिशा में जिला स्तरीय कमेटी अपना काम कर रही है। प्रमुख सुझाव यह कि चौराहे पर बने डिवाइडर को पेट्रोल पम्प की और ले जाने की जरुरत है ताकि बड़े वाहनों को गुजरने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। इसके साथ ही चौराहे पर प्रवेश से पहले स्पीड टॉप टेबल लगाए जाने से भी हादसों में कमी आ सकती है। 

इस बारे में क्षेत्राधिकारी हैदरगढ़ हर्षित चौहान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एनएचएआई से बात करके तहसील के सामने डिवाइडर बनवाया गया। जिससे अब ट्रकों का रूकना काफी कम हुआ है। जाम की वजह सुल्तानपुर की ओर से आने वाली बसे हैं जो सड़क पर खड़ी हो जाती हैं। रामसनेहीघाट की पुलिया बन जाने से भी राहत मिलेगी। दुर्घटनाएं कम हों इसके प्रयास निरंतर जारी हैं।

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