बाराबंकी: ताकि भ्रष्टाचार का गढ़ न बने 'पीएमएवाई-जी' का सर्वे, सीडीओ ने की प्रेसवार्ता

नए सिरे से ग्राम पंचायतों में बनेगी पात्र और अपात्रों की सूची, पादर्शिता के लिए कई विभागों की ली जाएगी मदद

बाराबंकी: ताकि भ्रष्टाचार का गढ़ न बने 'पीएमएवाई-जी' का सर्वे, सीडीओ ने की प्रेसवार्ता

बाराबंकी, अमृत विचार। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से वंचित लोगों को आवास मिलने की उम्मीद जगी है। योजना के लिए जिले की 1155 ग्राम पंचायतों में फिर से सर्वे का काम शुरू होगा। इसमें पात्र लाभार्थियों के चयन के लिए टीमें लगाई जाएंगी। इसके क्रियान्वयन का आदेश मिलने के बाद सर्वे की तैयारियां चल रही है। 

वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक के लिए पात्र लाभार्थियों के सर्वेक्षण करने के संबंध में मुख्य विकास अधिकारी अ.सुदन ने गुरुवार को कलेक्ट्रेट के गांधी सभागार में बैठक की और प्रधानमंत्री आवास के लिए शासनादेश में परिवर्तन पर चर्चा करते हुए सभी मौजूद खंड विकास अधिकारियों को निर्देशित किया उन्होंने कहा कि अब नए नियमों के आधार पर आवास के लिए पात्र लाभार्थियों का चयन किया जाएगा। इस दौरान सीडीओ ने प्रेसवार्ता कर मीडिया कर्मियों को भी इससे अवगत कराया।

योजना के तहत नए सिरे से सर्वे और मानक में बदलाव के बारे में कहा कि शासन की योजना के तहत पात्रता शर्तों में बदलाव किया गया है, जिसमें पात्रता के पुराने मानकों के स्थान पर नए मानक निर्धारित किए गए हैं। ग्राम पंचायत सचिवों द्वारा बैठक कर ग्रामवासियों को संशोधित मानक एवं सर्वेक्षण के संबंध में पूरी जानकारी दी जाएगी। ग्राम पंचायतों में ग्राम वासियों के साथ होने वाले बैठक को ‘पीएमएवाई-जी सर्वे 2024 उन्मुखीकरण गोष्ठी’ का नाम दिया जाएगा। 

उन्होंने पत्रकारों को बताया कि ग्राम पंचायत सचिव हर गांव में एक रजिस्टर रखेंगे। इस रजिस्टर को ‘प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण लाभार्थी चयन-2024 रजिस्टर’ कहा जाएगा। इस चयन से जुड़ी हर पहलू की जानकारी इस रजिस्टर में दर्ज की जाएगी।

सीडीओ सुदन कहा कि सभी बीडीओ को निर्देशित किया गया है कि ब्लॉक पर सभी ग्राम प्रधान एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य व ग्राम पंचायत सचिव के साथ बैठक कर आवास के सर्वेक्षण एवं नए मानक के संबंध में जानकारी दें। हर ग्राम पंचायत की सार्वजिक भवन पर पात्र और अपात्र के मानकों की वाॅलराइटिंग कराई जाए। जिससे लोगों को इसके संबंध में जानकारी प्राप्त हो सके।

उन्होंने कहा कि आवास योजना का सर्वे भ्रष्टाचार का गढ़ न बने, पैसे लेकर नाम शामिल करने और हटाने जैसी शिकायतें न आए। उन्होंने कहा कि सर्वे का काम कलस्टरवार होगा। प्रत्येक कलस्टर पर एक कर्मचारी को लगाया गया है। जिसमें संबंधित सचिव के अलावा जेई व एडीओ आईएसबी शामिल हैं।

पारदर्शिता सूची बनाने के लिए एआरटीओ, कृषि, राजस्व आदि विभागों की भी मदद ली जाएगी। इस मौके पर बीडीओ मसौली व आईएएस प्रशिक्षु काव्या सी, परियोजना निदेशक मनीष कुमार, बीडीओ बंकी संस्कृता मिश्रा, बीडीओ रामनगर मोनिका पाठक, बीडीओ हरख प्रीति सिंह समेत कई बीडीओ मौजूद रहे।

यह हैं पीएम आवास के अपात्रता के नए मानक
-जिनके पास मोटरयुक्त तिपहिया व चौपहिया वाहन।
-मशीनी तिपहिया व चौपहिया कृषि उपकरण।
-50 हजार अथवा इससे अधिक ऋण सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्डधारक।
-वह परिवार, जिनका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो।
-सरकार के पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम वाले परिवार।
-वह परिवार, जिनका कोई सदस्य 15 हजार रुपया से अधिक प्रति माह कमा रहा हो।
-वह परिवार, जिनके पास 2.5 एकड़ या इससे अधिक सिंचित भूमि हो।
-वह परिवार, जिनके पास 5 एकड़ या इससे अधिक भूमि हो।

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