कानपुर में रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों पर चला अफसरों का चाबुक, इतने पुलिसकर्मी हुए निलंबित...

कानपुर में रिश्वतखोर पुलिसकर्मियों पर चला अफसरों का चाबुक, इतने पुलिसकर्मी हुए निलंबित...

कानपुर, अमृत विचार। शहर में भ्रष्ट और वसूलीबाज पत्रकारों के बाद अब पुलिस कर्मियों पर भी चाबुक चलना शुरू हो गया है। उन पर भी लगातार रिश्वत लेने के आरोप में शिकंजा कसता जा रहा है। रिश्वतखोरी की शिकायत मिलने पर जांच के बाद पुलिस कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। गुरुवार को आठ पुलिसकर्मियों के निलंबन की कार्रवाई की गई थी कि शुक्रवार को एक बार फिर शिवराजपुर इंस्पेक्टर शिव शंकर पाल, बिठूर में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार बैसला, बिल्हौर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर राजपाल सिंह को निलंबित कर दिया गया है। 

वहीं यातायात विभाग में तैनात सब इंस्पेक्टर सतेंद्र पाल सिंह, सब इंस्पेक्टर पालेंद्र चौहान, कांस्टेबल अनुपम और आरक्षी चालक कुलदीप पर भी निलंबन की कार्रवाई की गई है। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने बताया कि सभी के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि शिवराजपुर थाने में एक एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें एक महिला अपने तीन बच्चों के साथ कहीं चली गई थी। 

इस मामले में 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिसकी जांच इंस्पेक्टर शिव शंकर पाल कर रहे थे। डीसीपी ने बताया कि इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई। पीड़ित पक्ष से कार्रवाई करने के लिए रिश्वत की मांग की गई और आरोपी पक्ष से मिलकर पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाया गया। जिसकी शिकायत पीड़ित ने की थी, जांच में आरोप सही पाए गए और शिव शंकर पाल को निलंबित कर दिया गया। वहीं बिठूर थाने में तैनात सब इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार बैसला पर गलत तरीके से एफआईआर दर्ज करने का आरोप है। 

प्रमोद कुमार ने गलत तरीके से आरोपी पर गैंगस्टर लगा दिया। अपराधियों से जेल में जाकर मुलाकात की और उनसे रुपये की मांग की। जिसकी शिकायत मिलने पर जांच की गई और आरोप सही पाए गए। तीसरी कार्रवाई बिल्हौर थाने के सब इंस्पेक्टर राजपाल के खिलाफ की गई। राजपाल ने किसी व्यक्ति को गलत तरीके से गिरफ्तार किया, उसके बाद तीन दिन तक उसे अपनी कस्टडी में रखा, उसके साथ मारपीट की और फिर रिश्वत लेकर छोड़ दिया। इस मामले की शिकायत होने पर जांच की गई जांच के बाद राजपाल को निलंबित कर दिया गया।

यातायात पुलिस कर्मियों पर इस कारण हुई कार्रवाई 

अपर पुलिस आयुक्त हरीश चंदर ने बताया कि 3 अगस्त की रात जाजमऊ की तरफ से कुछ लोग आ रहे थे। यातायात ड्यूटी पर सरकारी वाहन में तैनात सब इंस्पेक्टर सतेंद्र पाल सिंह, आरक्षी पालेंद्र चौहान, अनुपम और आरक्षी चालक कुलदीप ने लोगों को रोक लिया। उनकी जमकर पिटाई की और उनसे रिश्वत की मांग की। पीड़ित पक्ष ने घर में कॉल कर रुपये मंगाए और पुलिस कर्मियों को दिए। 

पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की थी। जिस पर जांच कराई गई। जांच में आरोपी सही पाए जाने पर सभी को निलंबित कर दिया गया। कुछ दिनों से पुलिसकर्मियों पर चल रही कार्रवाई के कारण विभाग में हड़कंप मचा पड़ा है। मालूम हो कि 1 जनवरी से 9 अगस्त तक 61 पुलिस कर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। वहीं, 177 के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। 

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