हल्द्वानी: जानें क्यों हो गया शहर को मिलने वाले 400 करोड़ के नमो भवन का नक्शा फेल

हल्द्वानी: जानें क्यों हो गया शहर को मिलने वाले 400 करोड़ के नमो भवन का नक्शा फेल

हल्द्वानी, अमृत विचार। कुमाऊं के लिए मिसाल बनाने जा रहे नमो भवन का नक्शा फेल हो गया। ये ऐसा भवन है, जिसमें सभी सरकारी दफ्तरों के साथ बस अड्डा भी बनाया जाना है, लेकिन आठ मंजिला इस इमारत में सुरक्षा का ख्याल नहीं रखा गया। जिसके चलते करीब 400 करोड़ की लागत से बनने से जा रहे इस भवन के नक्शे को दमकल ने अस्वीकार कर दिया। अब इसके नक्शे पर एक बार फिर से काम किया जाएगा। 

वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हल्द्वानी आए थे। एमबी ट्रस्ट के ग्राउंड में उनकी रैली हुई थी और यहीं से उन्होंने हल्द्वानी वालों को 2200 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। जिसमें से 400 करोड़ रुपये से हल्द्वानी तहसील को तोड़कर में नमो भवन बनाने की रूपरेखा तैयार की गई। आठ मंजिला इस भवन का छह मीटर हिस्सा जमीन के नीचे होगा। जिसमें दो बेसमेंट और एक लोअर ग्राउंड फ्लोर होगा। लोअर ग्राउंड फ्लोर में बस अड्डा संचालित होगा। इसके निचले तल में पार्किंग और भूतल में इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन होगा। 

नमो भवन के निर्माण का जिम्मा एशियन डवलपमेंट बैंक (उत्तराखंड अर्बन सेक्टर डवलपमेंट एजेंसी) को दिया गया है। एजेंसी ने 8 मंजिला भवन का नक्शा तैयार कर दमकल को भेजा। दमकल ने नक्शे का बारीकी से आंकलन किया तो खामियां ही खामियां मिलीं। जिसके बाद नक्शे को फेल कर दिया गया।

दरअसल, नक्शे में सुरक्षा मानकों को अनदेखी की गई। पहला ऊपरी तल पर बनने वाले प्रशासनिक भवन को बेसमेंट से इस तरह जोड़ा गया कि आग लगने की स्थिति में पूरी इमारत ही खाक में मिल जाए। दूसरा एजेंसी ने बेसमेंट के लिए सीढ़ियां ही नहीं बनाई। वाहनों और लोगों के आने-जाने के लिए सिर्फ रैंप बनाया और वह मानकों के अनुरूप नहीं था।

बेसमेंट में वेंटीलेशन (हवा आने-जाने) की उचित व्यवस्था नहीं थी। सबसे नीचे बना चार्जिंग स्टेशन सबसे ज्यादा घातक माना गया। इन सबको देखते हुए दमकल ने नक्शा फेल किया और सुक्षाव देते हुए पुन: बनाकर लाने को कहा।  


एक नजर में नमो भवन
मंजिल- 08
ऊंचाई- 29.50 मीटर
बेसमेंट- 02
लोअर ग्रांउड फ्लोर- 01
गहराई- 06 मीटर

क्या-क्या बनेगा नमो भवन में
- आठ मंजिला बनेगा, तीन-तीन मीटर के जमीन के अंदर दो बेसमेंट बनेंगे।
- 450 कारों की होगी पार्किंग, 10 कारों की वीआईपी पार्किंग पार्किंग।
- तहसील, रजिस्टार कार्यालय, एसडीएम कोर्ट सहित किराए में चल रहे सभी सरकारी कार्यालय यहीं होंगे।
- लाइब्रेरी, सीनियर सिटीजन के बैठने के लिए रूप, प्रेस क्लब होगा।
- 500 व्यक्तियों के बैठने के लिए ऑडिटोरियम होगा।
- दो कांफ्रेंस हॉल होंगे। इसकी क्षमता 100 और 200 व्यक्तियों के बैठने की होगी।
- बस टर्मिनल बनेगा। एक घंटे में 18 बस यहां पर रुक सकेंगी।
- बस अड्डे में यात्रियों के रुकने के लिए 250-250 के वेटिंग रूम बनेंगे।
- वीआईपी वेटिंग रूम बनेगा। डोमेट्री भी बनाई जाएगी।
- चार फ्लोर कॉमर्शियल के लिए आरक्षित किए जाएंगे। इसे किराए पर देकर यहां से आने वाले पैसे से नमो भवन के खर्चे उठाए जाएंगे।

सभी सरकारी विभागों को एक छत्त के नीचे लाने की है तैयारी
अगर आपको वाहन का लाइसेंस बनावाना हो तो शहर के अंतिम छोर कुसुमखेड़ा जाना पड़ता है। ऐसे ही तमाम विभागों के लिए अलग-अलग इलाकों में जाना पड़ता है। लोगों की इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए नमो भवन का निर्माण प्रस्तावित है। इस भवन में लगभग सभी विभाग के दफ्तर होंगे और सारी दिक्कतों का हल एक स्थान पर किया जाएगा। 

चौड़ी होगी नमो भवन की मुख्य सड़क
 नक्शे के मुताबिक नमो भवन के अंदर जाने वाली मुख्य सड़क की चौड़ाई 8 मीटर है, लेकिन मानकों के अनुरूप नहीं है। क्योंकि बसें इस चौड़ाई की सड़क पर सीधा तो चल सकती हैं, लेकिन मुड़ नहीं सकती। इसके लिए अब सड़क को 9 मीटर करना होगा। इसी तरह बेसमेंट के रैंप को भी 9 मीटर का किया जाएगा। बेस में दो सीढ़ियां आने और जाने के लिए होंगी, ताकि आकस्मिक समय में बचाव किया जा सके। 

जो भी सरकारी मानक होते हैं, उनका पालन किया जाएगा। यदि नक्शे में कुछ कमियां है तो उनका संशोधन किया जाएगा। भवन बनाने में सुरक्षा के मानकों का पूरी तरह से निर्वहन किया जाएगा। 
- एपी बाजपेई, संयुक्त सचिव प्राधिकरण