अमेठी: स्वच्छ भारत मिशन के तहत ई-रिक्शा खरीद में हुआ भ्रष्टाचार, जानिए क्या बोले डीपीआरओ

ग्राम प्रधान, सचिव और फर्म संचालक की मिलीभगत से मानक विहीन ई-रिक्शा की खरीद

अमेठी: स्वच्छ भारत मिशन के तहत ई-रिक्शा खरीद में हुआ भ्रष्टाचार, जानिए क्या बोले डीपीआरओ

अमेठी। जनपद में एसएलडब्लूएम द्वारा चयनित गांवों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कूड़ा निस्तारण के लिए खरीदे जा रहे ई-रिक्शा कचरा वाहनों की खरीद में बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है। ई-रिक्शों की खरीद पर डेढ़ लाख रुपए से अधिक का भुगतान किया जा रहा है। साथ ही कचरा वाहनों की खरीद में ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की भी बड़ी संलिप्तता सामने आई है। फर्म से मिलभगत कर प्रधान व सचिव द्वारा मानक विहीन ई-रिक्शा कर खरीदे जा रहे।

दरअसल शासन द्वारा जिले के 400 से अधिक एसएलडब्लूएम गांवो में हर घर से कचरा उठाने के लिए ई-रिक्शा कचरा वाहन खरीदने का आदेश दिया गया है। शासन के आदेश के बाद अमेठी जनपद में अब तक एक ही ठेकेदार की फर्म सनसाइन टेक्नोलॉजी को सबसे ज्यादा इसका टेंडर मिला हुआ है।

ठेकेदार द्वारा इन रिक्शों को बाहर से न मंगाकर अमेठी में ही असेम्बल किया जा रहा है और इन मानक रहित ई रिक्शों को गांव गांव भेजा जा रहा है। बिना किसी रजिस्टर्ड फर्म के ठेकेदार द्वारा धड़ल्ले से इन ई रिक्शों का निर्माण कर गांवो तक पहुँचाया जा रहा है। अभी तक इस फर्म द्वारा जनपद के तिलोई, गौरीगंज, भादर, अमेठी, शाहगढ़, भेटुआ आदि विकास खण्ड के गाँवो में ई-रिक्शा की आपूर्ति की गई हैं।

डेढ़ लाख रुपए है निर्धारित एक लाख 65 हजार का हो रहा है भुगतान

शासन द्वारा इन रिक्शो को खरीदने के लिए डेढ़ लाख रुपए की राशि स्वीकृत की गई थी लेकिन साशन के आदेशों को दर किनार कर ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा फार्म को 1 लाख 65 हजार रुपए का भुगतान कर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी का कमीशन सेट

बताया जा रहा है कि ई-रिक्शा कचरा वाहन खरीदने में ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी की बड़ी भूमिका है। एक गाड़ी पर ग्राम प्रधान और सेक्रेटरी को फर्म द्वारा 50 से 60 हजार रुपए का कमीशन दिया जा रहा है।

क्या बोले जिला पंचायत राज अधिकारी...

जिला पंचायत राज अधिकारी मनोज कुमार त्यागी ने कहा कि एक फर्म द्वारा ग्राम पंचायतों में मानक विहीन ई-रिक्शा आपूर्ति का मामला प्रकाश में आया है तीन सदस्यीय टीम बनाकर जाँच कराई जायेगी। कोई भी फर्म द्वारा अगर उच्च अधिकारियों द्वारा ई-रिक्शा पास होने को कहकर अगर आपूर्ति की जाती है तो उस पर एफआईआर दर्ज कराकर विधिक कार्यवाही की जायेगी। ग्राम सचिवों को निर्देशित किया गया है कि मानक के अनुरूप होने पर ही ई-रिक्शा का भुगतान किया जाए।

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