बरेली: जुर्माना तो लगा पर उड़ती रही धूल, सड़कों पर चलना कठिन

बरेली, अमृत विचार। शहर में धूल उड़ाने पर नगर निगम ने दो सरकारी संस्थाओं पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना तो लगाया है लेकिन अभी भी कार्यदायी संस्थाओं सहित अन्य निजी निर्माणकर्ताओं में जुर्माने का भय नहीं नजर आ रहा। इसके कारण धूल उड़ा कर शहर की आबो-हवा खराब की जा रही है। नगर निगम …
बरेली, अमृत विचार। शहर में धूल उड़ाने पर नगर निगम ने दो सरकारी संस्थाओं पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना तो लगाया है लेकिन अभी भी कार्यदायी संस्थाओं सहित अन्य निजी निर्माणकर्ताओं में जुर्माने का भय नहीं नजर आ रहा। इसके कारण धूल उड़ा कर शहर की आबो-हवा खराब की जा रही है। नगर निगम ने तीन पानी के टैंकरों से शहर की कुछ सड़कों पर पानी का छिड़काव कराया।
बुधवार को शहर की सड़कों पर धूल का अंबार देखने को मिला। निर्माणाधीन ओवरब्रिज के पास से आवागमन में काफी परेशानी हो रही है। छोटे-बड़े वाहनों के निकलने पर धूल के गुबार उठ रहे हैं। वहीं सड़कों पर बने बड़े-बड़े गड्ढों से लोगों का चलना भी दूभर हो रहा है। यहां से वाहनों को निकालने में भी काफी परेशानी हो रही है।
ट्रंक सीवर लाइन के लिए खोदे जा रहे गड्ढों से पुलिस लाइन, कालीबाड़ी, नगर निगम रोड, सिविल लाइन, अय्यूब खां से चौपुला, सेटेलाइट से श्यामगंज की सड़कों की हालत खराब है। इन सड़कों पर लोगों का पैदल निकलना भी दूभर हो रहा है। शहर में कई जगहों पर पिछले कई सालों से सड़कें नहीं बनी हैं। बड़े-बड़े गड्ढों से वाहनों को निकालने में काफी परेशानी हो रही है।
नियमों की अनदेखी से हो सकते हैं बीमार लोग
शहर की प्रत्येक सड़क पर धूल के गुबार बन रहे हैं। इसके कारण दमा और एलर्जी के मरीजों को काफी दिक्कत हो रही है। दमा के रोगियों को सबसे अधिक धूल से ही एलर्जी होती है। धूल से आंखों को भी बचाना जरूरी है। धूल से आंखों में जलन, खुजली के अलावा अन्य रोग भी हो सकते हैं। सड़कों के किनारे कच्चे हैं। वाहन गुजरने पर धूल का गुबार उड़ता है जो फेफड़ों में पहुंच रहा है। बीडीए, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी, जल निगम, आवास विकास, सेतु निगम के कार्य में भी नियमों का पालन नहीं होता जबकि भवन निर्माण के दौरान चारों तरफ से ढका होना चाहिए। जिम्मेदार सो रहे हैं। हर मोहल्ले में नियमों की अनदेखी कर निर्माण कार्य चल रहे हैं।
“धूल उड़ाने वाली निर्माण इकाई और निजी निर्माणकर्ता के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। किसी को भी शहर में प्रदूषण फैलाने का हक नहीं है। ऐसे लोगों पर विशेष नजर है।”–अभिषेक आनंद, नगर आयुक्त