Bareilly News: जिला महिला अस्पताल में रात में सिजेरियन प्रसव करने से कतरा रहे डॉक्टर

बरेली, अमृत विचार। मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए शासन सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने पर जोर दे रहा है। इसके लिए तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं। आशाएं गांवों में लोगों को जागरूक कर रही हैं, लेकिन जिला महिला अस्पताल के डॉक्टर रात में सिजेरियन प्रसव करने से बच रहे हैं। आंकड़े भी इस ओर इशारा कर रहे हैं। दिन की तुलना में रात में सिजेरियन प्रसव कम हो रहे हैं। इस पर शासन की ओर से भी नाराजगी जताई जा चुकी है, लेकिन सुधार होता नहीं दिख रहा है।
पिछले छह महीने में अस्पताल में कुल 638 सिजेरियन प्रसव हुए हैं। इनमें महज 603 सिजेरियन प्रसव रात में हुए हैं, बाकी दिन में। यह अंतर बताता है कि रात में डॉक्टरों की मनमानी पूरी तरह से हावी है। रात में भले ही गर्भवती दर्द से कराहती रही, लेकिन सिजेरियन प्रसव करने के लिए डॉक्टर कम ही आगे आते हैं।
प्रशिक्षु डॉक्टरों के चलते स्थाई डॉक्टर बेफिक्र
जिला महिला अस्पताल में स्थाई डॉक्टरों की सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक ओपीडी से गायब रहने की शिकायतें आम हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि बीते एक साल से निजी मेडिकल कॉलेज से प्रशिक्षण लेने आए प्रशिक्षु डॉक्टर ओपीडी में पूरे समय तक मरीजों को देख रहे हैं। वे रात में भी ऑपरेशन थियेटर में सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे में स्थाई डॉक्टर बेफिक्र हैं। अफसरों की निगरानी भी दफ्तर तक ही सीमित है।
बीते कुछ माह से सिजेरियन प्रसव की संख्या घट रही है, इसको लेकर डॉक्टरों को सुधार लाने के निर्देश दिए हैं, वहीं रात में सिजेरियन प्रसव बढ़ाने के लिए संबंधित डॉक्टरों को निर्देशित किया गया है।-डॉ. त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल
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