Kanpur: जिस प्रेमिका के लिए छोड़ा घर उसी ने बाद में किया था किनारा, आहत होकर अस्पताल कर्मी ने की थी आत्महत्या

Kanpur: जिस प्रेमिका के लिए छोड़ा घर उसी ने बाद में किया था किनारा, आहत होकर अस्पताल कर्मी ने की थी आत्महत्या

कानपुर, अमृत विचार। चकेरी थानाक्षेत्र में होटल में आत्महत्या करने वाले अस्पताल कर्मी का दूसरे दिन शुक्रवार को पोस्टमार्टम किया गया। जिसमें मौत का कारण स्पष्ट न होने से बिसरा सुरक्षित किया गया। वहीं उसकी मौत के बाद नई कहानी निकल कर सामने आई है। जहां पता चला कि उसने जिसके साथ जीवन बिताने का सपना देखा, उसकी वजह से घर छोड़कर किराए का कमरा लेकर रहने लगा। 

परिवार वालों से अस्पताल में नाइट ड्यूटी करने की बात कहकर प्रेमिका विजय के कमरे में रहती थी। परिवार वालों को जानकारी मिली तो उन्होंने प्रेमिका पर तमाम तरह के दबाव डाले। मजबूरी बताकर प्रेमिका ने विजय को दूसरी शादी करने की सलाह दी और अपना रास्ता पकड़ लिया। इस पूरे मामले से विजय टूट गया था। जिस अस्पताल में विजय काम करता था वहां एक सप्ताह पहले पंचायत भी हुई थी लेकिन कोई हल नहीं निकला और विजय ने होटल के कमरे मे दो पेज का सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या कर ली थी। 

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस को दो पन्ने का सुसाइड नोट मिला था। इसमें विजय ने अपनी प्रेमिका के लिए लिखा था कि, तुमने मुझे धोखा दिया, मैं तो तुम्हारे साथ रहना चाहता था पर तुम मुझे समझ ही नहीं सकी। मैं अब अपनी जिंदगी से ही हार गया हूं। इस संबंध में चकेरी प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार दुबे ने बताया कि सूचना पर परिवार के लोग मौके पर पहुंचे। 

जांच में सामने आया कि विजय यादव एक युवती के साथ सेन पश्चिमपारा में कमरा लेकर रहता था। दोनों लिवइन में रह रहे थे। आर्य समाज से शादी के साक्ष्य भी मिलने की बात सामने आई है। मंगलवार को इन दोनों के बीच कुछ झगड़ा हुआ था। जिसके बाद मृतक काफी अवसाद में चल रहा था। पुलिस ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में युवती के साथ अनबन की वजह से आत्महत्या करने के साक्ष्य मिले हैं। बर्रा निवासी अनिल यादव केडीए में सुपरवाइजर है। परिवार में दो बेटे 30 साल का विजय और 32 साल का रिंकू है। 

एक अविवाहित बेटी भी है। पत्नी की मौत के बाद अनिल ने दूसरी शादी कर ली थी। जिसके बाद बड़ा बेटा अयोध्या के सुहावल में खेती करने लगा था और छोटा बेटा कोयला नगर स्थित एक निजी अस्पताल में आईसीयू में टेक्नीशियन था। अजय ने कई अस्पतालों में मशीन लगा रखी थी। लिहाजा वह कई अस्पतालों में जाता था। उसकी महीने की आमदनी दो से तीन लाख रुपये थी। 

विजय ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है, कि उसकी कार भाई को दे दी जाए और जो रुपये बकाया हैं, वह भी उसे दे दिया जाएं। अस्पताल के पास होटल कोहिनूर में बुधवार की रात उसने चेक इन किया था। गुरुवार को जब सुबह से शाम तक उसका कमरा नहीं खुला तो होटल कर्मियों को संदेह हुआ। 

इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने स्टॉफ के साथ मिलकर कमरा खुलवाया तो विजय का शव पलंग पर पड़ा था। उसके हाथ में वीगो लगा था और ड्रिप की दो बोतले टंगी थी। पुलिस ने फोरेंसिक टीम को बुलाया। मौके पर पहुंची टीम ने पूरे कमरे की जांच की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा था।

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