बरेली: सपा-भाजपा के बीच झूला दलित वोटर, नोटा का भी बटन दबाया

बरेली: सपा-भाजपा के बीच झूला दलित वोटर, नोटा का भी बटन दबाया

बरेली, अमृत विचार: बरेली सीट पर बसपा के प्रत्याशी मास्टर छोटेलाल गंगवार का नामांकन खारिज होने के बाद पार्टी का कैडर वोट कहे जाने वाले दलित मतदाता आखिर तक विकल्पहीनता में फंसे रहे। बसपा हाईकमान से भी कोई दिशा नहीं दिखाई गई तो मंगलवार को वे सपा और भाजपा के बीच बंट गए। कई दलित मतदाताओं ने किसी और को वोट देने के बजाय नोटा का भी बटन दबाया। आंवला में जरूर दलितों का साफ रुझान बसपा की ओर दिखाई दिया।

शहर के जाटवपुरा, ब्रह्मपुरा, सुर्खा, जोगीनवादा, कटरा चांद खां, संजयनगर जैसे इलाकों में दलित मतदाताओं का रुझान इंडिया गठबंधन और भाजपा उम्मीदवार का बराबरी का साथ देने जैसा रहा। हालांकि पिछले चुनावों में भाजपा को मिलने वाले दलित वोटों का कुछ हिस्सा इस बार इंडिया गठबंधन की भी ओर डायवर्ट होता दिखा।

करीब साढ़े तीन हजार दलित वोटों वाले जाटवपुरा के प्राइमरी स्कूल में वोट डालने आए महेंद्र सिंह ने बताया कि ईवीएम में हाथी का सिंबल नहीं है तो उन्हें नोटा ही विकल्प दिखा। आंवला के दलित बहुल गांव मोहनपुर में बसपा हावी दिखाई दी।

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